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Beware: वैक्सीन न लगवाने वालों की जान ले रहा है Omicron, ब्रिटेन के बाद अब अमेरिका में मौत

ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने कहा है कि वहां आईसीयू में दाखिल 10 में से 9 ओमिक्रॉन मरीजों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। खबर अमेरिका की बताते हैं आपको। अमेरिका में टेक्सास राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक हेरिस काउंटी में ओमिक्रॉन से मरीज की मौत हुई है।

वॉशिंगटन/जोहानेसबर्ग। कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इसके 150 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। अमेरिका में इस वैरिएंट से पहले मरीज की मौत हो गई है। उधर, ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाने वाली दक्षिण अफ्रीका की डॉ. एंजेलिक कोएत्जी ने कहा है कि वहां आईसीयू में दाखिल 10 में से 9 ओमिक्रॉन मरीजों ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। खबर अमेरिका की बताते हैं आपको। अमेरिका में टेक्सास राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक हेरिस काउंटी में ओमिक्रॉन से मरीज की मौत हुई है। वो 50 साल का था। उसने वैक्सीन भी नहीं लगाई थी। वहीं, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बताया है कि 18 दिसंबर को खत्म हफ्ते में ओमिक्रॉन वैरिएंट के अमेरिका में 73 फीसदी मरीज हैं।

Corona Death

टेक्सास के हेरिस काउंटी की जज लीना हिडाल्गो ने बताया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से ये पहली मौत है। उन्होंने कहा कि लोगों को वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए। इससे पहले दिसंबर की शुरुआत में ब्रिटेन में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट से एक शख्स की मौत हुई थी। इस वैरिएंट की वजह से 104 मरीज ब्रिटेन के अस्पतालों में भर्ती हैं। टीकाकरण न होने पर ओमिक्रॉन से मौतें होने पर साफ हो रहा है कि वैक्सीन अगर लगवाई गई हो, तो ओमिक्रॉन से बचा जा सकता है। जो दो मरीज दुनिया में जान गंवा चुके हैं, उनमें से किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी। यहां तक कि अस्पतालों में दाखिल लोग भी वैक्सीन न लगवाने वालों में शामिल हैं।

corona virus

बता दें कि ओमिक्रॉन के पहले मरीज का पता दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को चला था। इस मरीज में 9 नवंबर को कोरोना होने की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद उसके सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग कराई गई। डॉ. एंजेलिक कोएत्जी के मुताबिक उन्होंने देखा कि सैंपल में कोराना का नया वैरिएंट है। इसके स्पाइक प्रोटीन में काफी बदलाव थे। अब इस वैरिएंट के भी दो अलग रूप सामने आए हैं। इनमें से एक को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बी-1 और दूसरे को बी-2 नाम दिया है। तमाम देशों ने वैरिएंट से  मुकाबला करने के लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का फैसला किया है। भारत सरकार भी इस बारे में विचार कर रही है। भारत में बूस्टर डोज देने का फैसला जनवरी के पहले हफ्ते में हो सकता है।