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Omicron: ब्रिटिश वैज्ञानिक ने कोरोना को लेकर दी ये चेतावनी, कहा- इसे मामूली बीमारी समझना भूल

इंपीरियल कॉलेज लंदन में महामारी के विशेषज्ञ नील फर्ग्यूसन का कहना है कि अभी नए वैरिएंट को समझने की कोशिश जारी है। इसके बारे में अगले साल ही पता चल सकता है। तब तक वायरस अपने रूप बदलकर तेजी से फैल सकता है।

लंदन। ब्रिटेन के नामचीन वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट नील फर्ग्यूसन ने दुनिया को बड़ी चेतावनी दी है। नील का कहना है कि अगर ये मान लेंगे की कोरोना मामूली बीमारी है, तो ये बड़ी भूल होगी। उन्होंने कहा कि इस वायरस से अभी कई साल तक सतर्क रहने की जरूरत है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में उनका कहना है कि दिसंबर के बाद ही पता चल सकेगा कि ये वैरिएंट कितना खतरनाक है। इंपीरियल कॉलेज लंदन में महामारी के विशेषज्ञ नील फर्ग्यूसन का कहना है कि अभी नए वैरिएंट को समझने की कोशिश जारी है। इसके बारे में अगले साल ही पता चल सकता है। तब तक वायरस अपने रूप बदलकर तेजी से फैल सकता है। वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि कोरोना वायरस तेजी से फैलता है और आम तौर पर लोग उस वक्त हॉस्पिटल जाते हैं, जब उसका प्रसार हो चुका होता है। उन्होंने कहा कि सांस की नली और नाक में वायरस तेजी से अपना रूप बदलता है और वातावरण में जाने की कोशिश करता है। नील ने चेताया कि ये वायरस 10 दिन बाद भी किसी की जान ले सकता है।

neil ferguson

नील की ये टिप्पणी न्यू एंड इमर्जिंग रेस्पिरेटरी वायरस थ्रेट्स एडवायजरी ग्रुप की प्रतिक्रिया के बाद आई है। ग्रुप ने पिछले हफ्ते कहा था कि ब्रिटेन को ओमिक्रॉन वैरिएंट का प्रसार रोकने के लिए तेजी से और सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। ब्रिटेन सरकार ने हालांकि विदेश से आने-जाने पर रोक लगा दी है, लेकिन फिर भी इसमें देरी होने से वहां ओमिक्रॉन वायरस के मरीज मिलने लगे हैं।

नील फर्ग्यूसन ने ब्रिटेन के सांसदों से कहा कि कुछ वायरस समय के साथ कम खतरनाक हो गए हैं, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कोरोना सबसे प्रमुख प्रकारों में अल्फा और डेल्टा वैरिएंट पहले के कोरोना वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक बना। ऐसे में ये कहना जल्दबाजी होगी कि ओमिक्रॉन कम गंभीर होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ओमिक्रॉन से भी हालात गंभीर हो सकते हैं।