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नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने तैयार की खास पट्टी, कोरोनावायरस के लक्षण से करेगी अलर्ट

नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की एक टीम में खास पट्टी तैयार की है, जो कि कोरोना वायरस के लक्षण पूरी तरह से उभरने से पहले ही आपको अलर्ट कर देती है। 

नई दिल्ली। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की एक टीम में खास पट्टी तैयार की है, जो कि कोरोना वायरस के लक्षण पूरी तरह से उभरने से पहले ही आपको अलर्ट कर देती है। दावा किया जा रहा है कि एक खास पट्टी यह पता लगा सकती है कि आप में कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण है या नहीं। इस पट्टी को गले में चिपकाया जाता है और इससे पहले कि आप कोरोना के लक्षणों को नोटिस करें, यह उन लक्षणों का पता लगा सकती है।

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यह स्मार्ट पैच कोरोना वायरस के लक्षण उभरने से पहले ही हेल्थकेयर स्टाफ को अलर्ट कर देती है। स्टाम्प के साइज का यह पट्टीनुमा डिवाइस सॉफ्ट सिलिकॉन मैटीरियल से बना है, जिसे गले के निचले हिस्से में लगाया जाता है।

बॉडी टेम्प्रेचर, खांसी और हार्ट रेट मॉनिटर करती है पट्टी

यह खास पट्टी आपकी खांसी, सांस लेने, हार्ट रेट और बॉडी टेम्प्रेचर को मॉनिटर करती है। सारे डेटा को एक क्लाउड में भेजा जाता है, जहां एल्गोरिदम के आधार पर बीमारी के संकेतों का पता लगाया जाता है। इसके बाद सिस्टम कोरोना वायरस के लक्षणों की ग्राफिकल समरी को फिजिशियन के पास भेज देता है। फिजिशियन उपलब्ध कराए गए डेटा का इस्तेमाल ट्रीटमेंट का असर जानने के लिए कर सकता है। इस खास पट्टी को नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी ने डिवेलप किया है। मौजूदा समय में दो दर्जन से ज्यादा प्रभावित व्यक्ति नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की टीम की तरफ से डिवेलप किए गए पैच का इस्तेमाल कर रहे हैं।

वायरलेस चार्जर से होती है चार्ज

दिन के आखिर में यूजर इस खास पट्टी को निकाल सकता है और इसे वायरलेस चार्जर में लगाना होता है। इस डिवाइस में कोई वायर, इलेक्ट्रोड्स, चार्ज पोर्ट या रिमूवबल बैटरीज नहीं हैं, ऐसे में इसे नहाने के दौरान भी पहना जा सकता है। इस पट्टी के लिए कस्टम एल्गोरिदम को शिर्ले रेयान एबिलिटीलैब के साइंटिस्ट ने तैयार किया है। इस खास पट्टी में लगे सेंसर, चेस्ट वॉल मूवमेंट्स के वाइब्रेशंस को डिटेक्ट करते हैं। नॉर्थवेस्टर्न में इंजीनियर और टेक्नॉलजी डिवेलपमेंट के हेड जॉन रोजर्स का कहना है, ‘ रेस्परटोरी रेट, साउंड्स और एक्टिविटी ट्रैक करने के लिए हमारे डिवाइस को बॉडी में बिलकुल परफेक्ट लोकेशन पर लगाया जाता है।’ उनका कहना है कि इससे पहले किसी ने ऐसा डेटा कलेक्ट नहीं किया है।