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असिस्टेंट प्रोफेसर्स के पदों पर कांट्रैक्चुअल भर्ती, शिक्षकों ने की आयोग से शिकायत

डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी ने द्वारा विभिन्न विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों का विज्ञापन निकाला गया है। अभ्यर्थियों को आवेदन करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त दी है। इसमें एसोसिएट प्रोफेसर के 7 और असिस्टेंट प्रोफेसर 17 पद दर्शाए गए हैं।

नई दिल्ली। डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी ने द्वारा विभिन्न विभागों में एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों का विज्ञापन निकाला गया है। अभ्यर्थियों को आवेदन करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त दी है। इसमें एसोसिएट प्रोफेसर के 7 और असिस्टेंट प्रोफेसर 17 पद दर्शाए गए हैं। हालांकि यह भर्ती कांट्रैक्चुअल है। कई शिक्षको ने डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा कांट्रैक्चुअल आधार पर विभिन्न विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने पर आपत्ति जताई है।

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ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजिज एससी,एसटी ,ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन के मुताबिक एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर आरक्षण भी नहीं दिया गया। एसोसिएशन ने नेशनल एससी एसटी कमीशन और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में एक विशेष याचिका दायर कर इन पदों को भारत सरकार की आरक्षण नीति को लागू करते हुए पुन विज्ञापन निकाल बराबर प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग की है।

टीचर्स एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ हंसराज सुमन ने आयोग में दायर याचिका में बताया है कि ये सभी पद कांट्रैक्चुअल भर्ती वह भी पूरी तरह से टेम्परेरी है। उन्होंने बताया है कि एसोसिएट प्रोफेसर, समाजशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, एजुकेशन, स्पेशल एजुकेशन के लिए पद हैं । इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए इतिहास, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, लाइब्रेरी साइंस, ,कम्प्यूटर साइंस, संस्कृत एजुकेशन, स्पेशल एजुकेशन के पद है।

डॉ हंसराज सुमन ने कहा कि इन पदों पर यूनिवर्सिटी ने किसी तरह का कोई आरक्षण नहीं दिया जबकि आरक्षण के हिसाब से एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के 12 पद बनते है । लेकिन विज्ञापन के अनुसार आरक्षण को पूरी तरह से नकारा गया है। डॉ. सुमन ने बताया है, “एसोसिएट प्रोफेसर को 50 हजार रुपये प्रति माह और असिस्टेंट प्रोफेसर को 30 हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से दिए जाएंगे। उनका कहना है कि लंबे समय से लोग शिक्षकों की नियुक्तियों का इंतजार कर रहे थे कि कब यूनिवर्सिटी विज्ञापन निकाले। डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर ओपन युनिवर्सिटी ने शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन तो निकाला लेकिन वह कंट्रेक्च ुअल टेम्परेरी है। यदि कंट्रेक्च ुअल पदों पर भर्ती प्रक्रिया का विरोध नहीं किया गया तो संभव है कि इस नीति को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी लागू किया जा सकता है।”

टीचर्स एसोसिएशन ने डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों को भर्ती प्रक्रिया शुरू किए जाने का विरोध किया है। विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि इन पदों में यूनिवर्सिटी ने भारत सरकार की आरक्षण नीति का भी उल्लंघन किया है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालयों में लंबे समय से एससी, एसटी, ओबीसी कोटे के शिक्षकों के खाली पद पड़े हुए है जिन्हें समय पर भरा नहीं गया और अब इन पदों को कंट्रेक्च ुअल भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से बिना आरक्षण के भरा जा रहा है।