नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आखिरकार आज कन्नौज लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। नामांकन दाखिल के बाद अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को लेकर बड़ा इशारा किया। जब अखिलेश से ये पूछा गया कि आप ने तो नामांकन भर दिया अब क्या अमेठी से आपके दोस्त राहुल गांधी भी चुनाव लड़ेंगे, इस पर अखिलेश ने जवाब दिया अब तो सब आएंगे, महफिल यूपी में ही जमेगी।
#WATCH | Kannauj: Replying to the question “that you have come to Kannauj, your friend (Rahul Gandhi) is going to come (contest) to Amethi”, Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, “Everyone will come now. The gathering will be in Uttar Pradesh only…” pic.twitter.com/glPZ1FyikT
— ANI (@ANI) April 25, 2024
इससे पहले अखिलेश यादव पुराने दिनों को याद करते हुए कुछ भावुक हो गए। अखिलेश ने पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा कि आज मुझे अपने पहले चुनाव का वो दिन याद आ रहा है जब मैं कन्नौज में नामांकन के लिए आया था। अखिलेश बोले, इसी कन्नौज ने मुझे पहचान दी। पहले चुनाव के नामांकन के लिए अमर सिंह अंकल और नेता जी यानी मुलायम सिंह मेरे साथ थे। अखिलेश ने कहा तब यहां बहुत से पार्टी कार्यकर्ता बिलकुल नई उमर के थे और तब उनके और मेरे दोनों के बाल काले हुआ करते थे। मगर अब समय बदल गया है अब उनमें से कईयों के बाल सफेद हो गए और मेरे भी।
#WATCH | Kannauj: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, “I have filed my nomination papers. The sentiments of the party, leaders, workers, and everyone were that I should contest the election from here on behalf of the Samajwadi Party. I express my gratitude to everyone. I… pic.twitter.com/hCA7v07yGj
— ANI (@ANI) April 25, 2024
अखिलेश बोले, कन्नौज पूरी दुनिया में खुशबू फैलाता है और हम कन्नौज और यहां की जनता के लिए जो काम पिछली सरकार में अधूरे रह गए थे उनको सरकार बनने पर पूरा करेंगे। आपको बता दें कि अखिलेश यादव पहली बार कन्नौज से ही सांसद बने थे। वर्ष 1998 से 2014 तक हुए आम चुनाव और उप चुनाव में कन्नौज सीट लगातार समाजवादी पार्टी के खाते में रही। मुलायम सिंह यादव ने जब कन्नौज लोकसभा सीट छोड़ी तब बेटे अखिलेश यादव को यहां से उत्तराधिकारी घोषित किया। इसके बाद अखिलेश यहां से जीतते रहे। 2012 में जब अखिलेश प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने पत्नी डिंपल यादव को उपचुनाव में निर्विरोध निर्वाचित कराया। इसके बाद 2014 के आम चुनाव में डिंपल एक बार फिर यहां से जीतीं लेकिन 2019 के चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने डिंपल का शिकस्त दे दी।