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Suchitra Sen Birth Anniversary: 60’S की मशहूर अदाकारा सुचित्रा सेन का जन्मदिन आज, जरा सी बात पर ठुकरा दिया था दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

Suchitra Sen Birth Anniversary: सुचित्रा फिल्मों का चयन बड़ा सोच विचार कर करती थी, इसी के चलते उन्होंने बड़े से बड़े फिल्मकारों के फिल्म प्रस्ताव ठुकरा दिए। इसके अलावा भी कई वजहें थीं जिन्हें कई बार हजम करना मुश्किल जान पड़ता है

नई दिल्ली। 60 के दशक में बॉलीवुड की हसीन अभिनेत्रियों में शामिल सुचित्रा सेन का आज बर्थडे है। कई पुरस्कारों और अवॉर्ड्स से सम्मानित सुचित्रा का जन्म 6 अप्रैल 1931 को हुआ था। आज अगर वो जिंदा होतीं तो उनकी उम्र 102 साल होती। सुचित्रा अभिनेत्री मुनमुन सेन की मां और एक्ट्रेस रिया सेन की दादी हैं। देश की आजादी के वर्ष 1947 में, जब वो मात्र 15 साल की थीं, उन्होंने दिबानाथ सेन से शादी रचाई थी। शादी के पांच सालों बाद सुचित्रा ने सिनेमा की दुनिया में एंट्री ली और फिल्म जगत को सुपरहिट फिल्में दीं। हालांकि 1978  में फिल्म ‘प्रोणोय पाश’ करने के बाद वो सिनेमा की दुनिया को अलविदा कह दिया। उसके बाद फिर कभी पब्लिक नहीं हुईं। सुचित्रा फिल्मों का चयन बड़ा सोच विचार कर करती थी, इसी के चलते उन्होंने बड़े से बड़े फिल्मकारों के फिल्म प्रस्ताव ठुकरा दिए। इसके अलावा भी कई वजहें थीं, जिन्हें कई बार हजम करना मुश्किल जान पड़ता है, इसके चलते उन्होंने फिल्में ठुकराईं। जैसे उन्होंने राज कपूर की एक फ़िल्म को इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि राज कपूर द्वारा झुककर फूल देने का तरीका उन्हें पसंद नहीं आया था। वहीं, महान दिग्गज फिल्मकार सत्यजित राय सुचित्रा को लेकर फिल्म ‘देवी चौधुरानी’ बनाना चाहते थे, लेकिन इसे भी सुचित्रा ने अस्वीकार कर दिया।

सुचित्रा द्वारा इनकार मिलने के बाद उन्होंने ये फ़िल्म बनाने का विचार ही त्याग दिया। साल 2005 में उन्होंने दादासाहेब फाल्के पुरस्कार का प्रस्ताव महज इसीलिए ठुकरा दिया, क्योंकि इसे लेने के लिए उन्हें कोलकाता छोड़कर दिल्ली जाना पड़ता। उस दौर में उत्तम कुमार और सुचित्रा सेन की जोड़ी बांग्ला सिनेमा की सबसे लुभावनी और आकर्षक जोड़ी मानी जाती थी। इन दोनों ने ‘अग्निपरीक्षा’, ‘शाप मोचन’, ‘इंद्राणी’, ‘सप्तपदी’ जैसी शानदार और यादगार फ़िल्मों में काम किया। साल 1953 से 1978  के बीच यानी अपने पूरे फिल्मी करियर में सुचित्रा ने हिंदी और बंगला भाषाओं को मिला कर कुल 61 फ़िल्में कीं।

इनमें से 20 से अधिक फ़िल्में ब्लॉकबस्टर रहीं तो वहीं एक दर्जन से अधिक फ़िल्में सुपर हिट साबित हुईं। 23 अप्रैल 1992 को कोलकाता में प्रतिभाशाली सुचित्रा सेन का निधन हो गया। भारत रत्न, पद्म श्री और बंग विभूषण से सम्मानित सुचित्रा की मौत पर तत्कालीन राष्ट्रपति, प्रणव मुखर्जी, तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह और देश के मजबूत नेता के रूप में उभरते आज के पीएम नरेन्द्र मोदी समेत कई देशों के नेताओं ने शोक व्यक्त किया था। यही नहीं, उनके अंतिम संस्कार के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में उन्हें बन्दूकों की सलामी भी दी गयी थी।