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कलाकारों को भाषा व सीमा से नहीं बंधना चाहिए : अली फजल

अली बॉलीवुड के उन पहले अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने काफी पहले ही डिजिटल क्षेत्र में कदम रखा था। वह साल 2015 में वेब शो ‘बैंड बाजा बारात’ में नजर आए थे।

नई दिल्ली। अभिनेता अली फजल का कहना है कि कलाकारों को किसी तरल की तरह होना चाहिए। उन्होंने कहा, “कलाकारों को किसी भी भाषा, प्रारूप और शैली में नहीं बंधना चाहिए। हम जिस क्षेत्र में काम करते हैं, वहां खुद का किसी तरल की तरह होना और नई-नई चीजों को आजमाने की दिशा में हमेशा तैयार रहना आवश्यक है।”

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अली बॉलीवुड के उन पहले अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने काफी पहले ही डिजिटल क्षेत्र में कदम रखा था। वह साल 2015 में वेब शो ‘बैंड बाजा बारात’ में नजर आए थे।


इस पर उन्होंने कहा, “शुरुआत में, जब साल 2015 में मुझसे संपर्क किया गया, तब मैं सीरीज की क्षमता को लेकर निश्चित नहीं था। मुझे बस इसकी कहानी पसंद आई थी। ‘मिर्जापुर’ के बाद मुझे इसकी क्षमता के बारे में पूरी तरह से समझ में आया।”

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वह आगे कहते हैं, “इस महामारी के चलते शूटिंग करने व किसी कहानी को बताने की दिशा में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस वक्त तनाव के इस माहौल से मैं उबरने में कामयाब रहा, जिसके चलते कहानी की गुणवत्ता पर अधिक ध्यान दे पाया।”