नई दिल्ली। बेव सीरीज तांडव में दिखाए गए कंटेंट को लेकर समाज में एक तबके की भावनाएं आहत होने के बाद जहां सीरीज के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अली अब्बास जफर ने पहले ही माफी मांग ली थी, वहीं अब यह वेब सीरीज जिस OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी, यानी अमेजन प्राइम वीडियो ने भी अब अपनी तरफ से ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी किया है। बता दें कि अमेजन प्राइम वीडियो की तरफ से इस सीरीज को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि- ‘अमेजन प्राइम वीडियो को अत्यंत खेद है कि दर्शकों को हाल ही में लॉन्च की गई काल्पनिक सीरीज तांडव के कुछ दृश्य आपत्तिजनक लगे। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा ध्येय नहीं था, और इस बात से अवगत कराए जाने पर, उन आपत्तिजनक दृश्यों को या तो हटा दिया गया या फिर संपादित किया गया।
अमेजन प्राइम वीडियो की तरफ से कहा गया है कि, हम अपने दर्शकों की विविध आस्थाओं का सम्मान करते हैं और उसके लिए प्रतिबद्ध हैं, ऐसे में उन दर्शकों से क्षमा याचना करते हैं, जिन्हें इस तरह के कंटेट से ठेस पहुंची है। हमारी टीमें कंपनी की विषय मूल्यांकन विधियों का अनुकरण करती हैं, और दर्शकों की बेहतर सेवा के लिए हम मानते हैं कि, समय-समय पर इन विधियों का आधुनिकीकरण आवश्यक है। हम भारतीय कानूनों का अनुपालन करते हुए, दर्शकों की संस्कृति और आस्थाओं का सम्मान करते हुए, अपने सहयोगियों के साथ आगे भी मनोरंजक विषय विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बता दें कि तांडव वेब सीरीज को लेकर लोगों का आरोप है कि इसमें हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया है। इस सीरीज में जिस सीन पर अधिक विवाद बताया जा रहा था उसमें जीशान आयूब भगवान शिव के रूप में नजर आ रहे हैं। जीशान भगवान शिव बनकर कुछ एक्टिंग कर रहे हैं। इस वीडियो में जीशान कैंपस के छात्रों की आजादी की बात कर रहे हैं।
वहीं इस तरह के विषयों पर विवाद खड़ा होता देख सरकार ने भी अब ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म के लिए जरुरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें कि 25 फरवरी को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए जरुरी दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया कंपनियां भारत में व्पापार करें लेकिन इसके दुरुपयोग को रोकना भी जरूरी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को व्यापार करने के लिए हमारा स्वागत है, सरकार आलोचना के लिए तैयार है, लेकिन इन सबके बीच सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल ना हो इसका भी ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि, इसके खिलाफ शिकायत के लिए भी फोरम मिलना चाहिए।
बता दें कि सोशल मीडिया के लिए जो गाइडलाइन्स जारी की गई हैं, वो 3 महीने में लागू कर दी जाएंगी। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के यूजर 40 करोड़ से अधिक, ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर हैं। भारत में इनका उपयोग काफी संख्या में लोग करते हैं, लेकिन जो इस बीच जो चिंताएं जाहिर की जाती हैं उनपर भी काम करना जरूरी है।
गाइडलाइन्स की बड़ी बातें-
- कपंनियों को शिकायत अधिकारी नियुक्त करने जरूरी होंगे
- दर्शकों की उम्र की हिसाब से कंटेंट दिखाना होगा
- शिकायतों और कार्रवाई का ब्यौरा हर 6 महीने में रिपोर्ट करना होगा
- केंद्र के नोटिस पर 15 दिन के अंदर कार्रवाई करनी होगी
- कंटेंट के हिसाब से केटैगरी तय होगी
- किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा
- पैरैेंटल लॉक की सुविधा हो
- भाषा, हिंसा, सीन के हिसाब से श्रेणी बनाई जाय
- प्लेटफॉर्म्स को भारत में अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी
- अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है, उसकी जानकारी देनी जरूरी है
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स का वेरिफेकशन करना चाहिए
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी