मुंबई। ‘बेल बॉटम’ में अक्षय कुमार एक रॉ एजेंट के रूप में नजर आए, जो बिना किसी खून खराबे के एक हाईजैक विमान को फिर से पकड़ने और सभी जीवित यात्रियों के साथ भारतीय धरती पर सुरक्षित रूप से उतारने के असंभव मिशन को पूरा करता है। अक्षय फिल्म में अंशुल के किरदार में हैं, जो न केवल अपना कर्तव्य निभाता है बल्कि एक व्यक्तिगत नुकसान का कारण भी है। डॉली अहलूवालिया ने उनकी मां कि भूमिका निभाई जो एक अस्थमा रोगी है, उनकी मृत्यु हो गई थी जब पाकिस्तानियों द्वारा एक भारतीय उड़ान का अपहरण कर लिया गया था। उसने अपनी जान गंवा दी थी, क्योंकि उन्हें किडनेपर्स द्वारा ऑक्सीजन नहीं दी गई थी। अक्षय का बदला लेने का कारण एक ये भी है।
फिल्म में वाणी कपूर लीड रो में हैं, जो अक्षय कुमार की पत्नी का किरदार निभा रही हैं। उनके रोल में तब बदलाव काफी बाद में होता है। उधर, लारा दत्ता ने इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। तो वहीं, हुमा कुरैशी ने दुबई सरकार के लिए काम करने वाली एक एजेंट की भूमिका निभाई है। सभी अपने-अपने रोल में फिट बैठे हैं। अपनी एक्टिंग के दम पर सभी कलाकारों ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। फिल्म देखने के बाद ये मानना पड़ेगी लारा को इंदिरा गांधी के रोल में दिखाने के लिए मेकअप आर्टिस्ट ने कमाल कर दिया तो वहीं लारा ने भी ये किरदार निभाने के लिए अपनी जान लगा दी। वहीं, अक्षय अपने रेट्रो लुक में काफी स्लीक और सौम्य दिखें। वो भी अपने किरदार के साथ न्याय करते हैं।
वाणी कपूर की एक प्यारी लेकिन प्रभावशाली भूमिका है। वह एक अच्छे कॉमिक रोल को निभाने में माहिर हैं। वहीं, लारा दत्ता के लिए ये रोल उनके करियर को बदलने की ताकत रखता है। वो हूबहू इंदिरा गांधी की तरह ही दिखती हैं।
कहानी दमदार है और हर किरदार एक बैक स्टोरी या अचानक ट्विस्ट के साथ आता है, ताकि दर्शकों की दिलचस्पी कम न हो। फिल्म निर्माता (पूजा एंटरटेनमेंट) ने इस फिल्म को बड़ा बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। फिल्म पर जमकर पैसा खर्च किया गया। जो महामारी के बीच में एक सराहनीय काम है।
फिल्म फर्स्ट हाफ में आपको कमजोर लग सकती है लेकिन सेकेंड हाफ इतना स्मूद है कि आपको पता ही नहीं चलेगा कि फिल्म कब खत्म होगी। ये फिल्म दर्शकों को रोक पाने में कामयाब है। अगर आप अक्षय के फैन है तो ये फिल्म आपके लिए ही है।