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Adipurush: सुप्रीम कोर्ट से मिली ‘आदिपुरुष’ टीम को बड़ी राहत, जानें पूरा माजरा

Adipurush: आदिपुरुष के अदाकारों के अमर्यादित संवादों पर आपत्ति जताई गई थी। हिंदू संगठनों ने संवादों को हिंदू धर्म के विरोध में बताते हुए फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं, लोगों के विरोध को ध्यान में रखते हुए फिल्म के संवाद लेखक मनोज मंतुशिर ने मीडिया के सामने आकर संवाद में संशोधन की बात कही थी।

नई दिल्ली। विवादित फिल्म ‘आदिपुरुष’ की सीबीएफसी मान्यता रद्द कराने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई थी, जिस पर आज कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने दो टूक कहा कि इस मामले में सुनवाई नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि सीबीएफसी अपना काम करता है। यह संगठन अपना काम करने के लिए स्वतंत्र है। इसमें न्यायपालिका का हस्तक्षेप अस्वीकार्य है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी है, जिसमें फिल्म के निर्माता और निर्देशक को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने के लिए कहा गया था। बता दें कि इससे पहले गत 12 जुलाई को इस फिल्म पर सुनवाई हुई थी, लेकिन कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

supreme court

वहीं, सुप्रीम कोर्ट से पहले इस मामले की सुनवाई इलाहबाद हाईकोर्ट में भी हुई थी। कोर्ट ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक और संवाद लेखक को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। वहीं, केंद्र सरकार ने फिल्म पर विचार रखने की समिति गठन करने का भी सुझाव दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के विरोध में दाखिल की गई सभी याचिकाओं पर लंबित सुनवाई पर रोक लगा दी है। सनद रहे कि बीते दिनों धार्मिक भावनाओं के चोटिल होने के नाम पर विभिन्न कोर्ट में फिल्म पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका दाखिल हुई थी। ध्यान दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस रुख को आदिपुरुष की टीम के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

ADIPURUSH

सनद रहे कि आदिपुरुष के अदाकारों के अमर्यादित संवादों पर आपत्ति जताई गई थी। हिंदू संगठनों ने संवादों को हिंदू धर्म के विरोध में बताते हुए फिल्म पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं, लोगों के विरोध को ध्यान में रखते हुए फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने मीडिया के सामने आकर संवाद में संशोधन की बात कही थी, जिसके बाद लोगों का आक्रोश शांत हुआ था। हालांकि, इससे पहले उन्होंने मीडिया के समक्ष आकर कहा था कि उन्होंने कोई गलत संवाद नहीं लिखा है, बल्कि जैसा रामायण उन्होंने अपनी दादी नानी से सुना था, वैसा ही उन्होंने लिखा है। इसके बाद उन्होंने अपनी फिल्म को रामायण नहीं, बल्कि आदिपुरुष बताया था, जिसे लेकर भी खूब विवाद हुआ था।