newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Jiah Khan Suicide Case Verdict: 10 साल बाद आया जिया खान सुसाइड केस पर फैसला, सूरज पंचोली को कोर्ट ने किया बरी

jiah khan case: जिया खान ने जब जान दी थी, तब उनकी उम्र महज 25 साल की थी। उस वक्त जिया और सूरज पंचोली रिलेशनशिप में थे। परिवार वालों के आरोप और जिया के 6 पन्नों के कथित सुसाइड नोट के बाद सूरज पंचोली को गिरफ्तार किया गया। हालांकि वो आरोपों से हमेशा इनकार करते रहे

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान सुसाइड मामले में सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मामले में सूरज पंचोली को बरी कर दिया है। सूरज पर जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था, लेकिन अब वो सभी आरोपों से बरी हो गए हैं। बता दें कि जिया खान सुसाइड में 10 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है। 3 जून, 2013 को एक्ट्रेस अपने ही घर में संदिग्ध अवस्था में लटकती हुई मिली थी। अचानक आई इस खबर से देश पूरा हिल चुका था। छोटी उम्र में एक्ट्रेस के जान देने से हर कोई हैरान था। हालांकि जिया के परिवार वालों ने एक्टर सूरज पंचोली पर गंभीर आरोप लगाते हुए हत्या का जिम्मेदार ठहराया था।

jiah

6 पन्नों के कथित सुसाइड लेटर ने खोले राज

जिया खान ने जब जान दी थी, तब उनकी उम्र महज 25 साल की थी। उस वक्त जिया और सूरज पंचोली रिलेशनशिप में थे। परिवार वालों के आरोप और जिया के 6 पन्नों के कथित सुसाइड नोट के बाद सूरज पंचोली को गिरफ्तार किया गया। हालांकि वो आरोपों से हमेशा इनकार करते रहे। 6 पन्नों के कथित सुसाइड नोट में सूरज पंचोली पर गंभीर आरोप लगे थे। लेटर में एक्ट्रेस के साथ शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार की बात लिखी थी और एक्ट्रेस के अर्बोशन की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद 1 जुलाई, 2013 को सूरज पंचोली को जमानत मिल गई।


सूरज ने जिया के सुसाइड तक पर की थी खुलकर बात

जमानत मिलने के बाद जिया की मां राबिया ने केस की दोबारा जांच के लिए हाईकोर्ट में केस डाला, हालांकि कोर्ट ने केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया,जिसके बाद सीबीआई ने सूरज पंचोली से पूछताछ की। इतना ही नहीं सूरज के घर पर सीबीआई ने रेड तक की।

JIYA KHAN4

जिसके बाद अपनी चार्जशीट में सीबीआई ने सूरज पर जिया को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था। जेल से बाहर आने के बाद सूरज ने जिया के सुसाइड के पर खुलकर बात की थी और कहता था कि उन्हें ऐसी जेल में रखा गया, जहां किसी से बात करने से लेकर अखबार पढ़ने तक पर पाबंदी थी। जिसके बाद आज यानी 28 अप्रैल को कोर्ट ने फैसला सुनाया है।