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Falguni Pathak B’Day: गरबा क्वीन फाल्गुनी पाठक के जन्मदिन पर जानें, क्यों खानी पड़ी थी पिता की मार?

Falguni Pathak B’Day: हमेशा लड़के के लुक में रहने वाली फाल्गुनी के गानों ने 90s के दौर में खूब धूम मचाई। उनका गाना हर किसी की जुबान पर हुआ करता था। हर फंक्शन पर लोग बड़े शौक से उनके गाने बजाया करते थे।

नई दिल्ली। देश में गरबा क्वीन के नाम से जानी जाने वाली फाल्गुनी पाठक का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 12 मार्च को 1964 को मुंबई में एक गुजराती परिवार हुआ था। बचपन से ही सिंगिग का शौक रखने वाली फाल्गुनी ने मात्र 9 साल की उम्र में ही अपना पहला स्टेज शो किया था, जिसमें उन्होंने ‘लैला ओ लैला’ गाना गाया था। उनके पहले स्टेज परफॉरमेंस के बारे में सुनकर उनके पिता ने फाल्गुनी को डांट लगाई थी यहां तक इसके लिए उन्हें पिता की मार भी खानी पड़ी थी। लाख मना करने के बावजूद वो रुकीं नहीं। लगातार आगे बढ़ती रहीं। फाल्गुनी ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में सिंगर अल्का याग्निक के साथ रिकॉर्ड किया। फाल्गुनी की 4 बड़ी बहनें हैं, इसलिए उनके माता-पिता को 5वें बच्चे के रूप में बेटे का इंतजार था, लेकिन ईश्वर को कुछ और मंजूर था और 5वीं बच्चे के रूप में फाल्गुनी का जन्म हो गया।

हमेशा लड़के के लुक में रहने वाली फाल्गुनी के गानों ने 90s के दौर में खूब धूम मचाई। उनका गाना हर किसी की जुबान पर हुआ करता था। हर फंक्शन पर लोग बड़े शौक से उनके गाने बजाया करते थे। संगीत की दुनिया के अलावा फाल्गुनी टीवी के फेमस शो, ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’, ‘कौन बनेगा करोड़पति’, ‘स्टार डांडिया धूम’, ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ और प्राइमटाइम शो ‘बा बहू और बेटी’ में भी नजर आ चुकी हैं। 90s के दौर  की सबसे पॉपुलर म्यूजिक आर्टिस्ट फाल्गुनी ने ‘अइयो रामा’,’ओ पिया’, ‘चूड़ी’और ‘याद पिया’ जैसे हिट गाने गाए और लोगों के दिलों में एक बड़ी जगह बनाई। स्टेज शो के बाद अगले ही साल फाल्गुनी को एक गुजराती फिल्म में गाने का मौका मिला।

फाल्गुनी गुजराती खाने के साथ-साथ पिज्जा-पास्ता और चाट खाने की बहुत शौकीन हैं। बचपन से ही टॉमबॉय फाल्गुनी ने कभी सलवार-सूट नहीं पहना और न ही नेल पॉलिश लगाई। 1987 से फाल्गुनी ने डांडिया नाइट्स में गाने गाना शुरू किया। उनके गाने ‘मैंने पायल है छनकाई’, ‘याद पिया की आने लगी’, ‘बोले जो कोयल बागों में’ और ‘ओ पिया’ जैसे गानों को खूब वाहवाही मिली थी। उनका एक बैंड भी था, जिसका नाम ‘ता थैया’ था,  उनकी ज्यादातर परफॉरमेंस इसके साथ ही होती थी।