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रितेश एस कुमार की फिल्म ‘Secrets of Love’ तैयार, आध्यात्मिक गुरु ओशो का किरदार निभाएंगे रवि किशन

एक्टर से सांसद बने रवि किशन (Ravi Kishan) जल्द ही रितेश एस कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म में नजर आएगें। इस फिल्म को लेकर वो इन दिनों काफी चर्चा में हैं क्योंकि ये फिल्म ओशो रजनीश (Osho Rajneesh) की बायोपिक है।

नई दिल्ली। एक्टर से सांसद बने रवि किशन (Ravi Kishan) जल्द ही रितेश एस कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म में नजर आएगें। इस फिल्म को लेकर वो इन दिनों काफी चर्चा में हैं क्योंकि ये फिल्म ओशो रजनीश (Osho Rajneesh) की बायोपिक है। जिसका नाम ‘सीक्रेट्स ऑफ लव’ (Secrets of Love) है। रवि किशन ओशो के चरित्र में फिट होने के लिए तैयार हैं। इससे पहले इस प्रोजेक्ट पर आमिर खान काम करने वाले थे। लेकिन अब खबर आ रही है कि इस फिल्म में रवि किशन ओशो का किरदार निभाते नजर आएंगे। फिल्म से उनका लुक भी सामने आ गया है।

secrets of love

‘रिबेलियस फ्लावर’ में रवि किशन

निर्देशक रितेश एस कुमार ओशो पर अब फिल्म ‘सीक्रेट्स ऑफ लव’ लेकर आए हैं। जिसमें ओशो के अलग-अलग उम्र के किरदार रवि किशन, विवेक मिश्रा और जयेश कपूर ने निभाए हैं। फिल्म की शूटिंग राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में की गई है।

ravi kishan osho

पहले भी बन चुकी है ओशो पर फिल्म

ये पहली बार नहीं है जब ओशो पर बॉलीवुड में फिल्म बन रही है। इससे पहले भी ओशो का चरित्र फिल्म वालों को आकर्षित करता रहा है। साल 2016 में उनकी पहली बायोपिक ‘रिबेलियस फ्लावर’ (विद्रोही फूल) बनी थी। इसके बाद खबर आई थी कि आमिर खान भी उनपर एक वेब सीरिज बनाने वाले हैं, जिसमें ओशो का किरदार आमिर खान और उनकी शिष्या शीला आंनद का किरदार आलिया भट्ट निभाते नजर आते। लेकिन उनके प्रोजक्ट के बारे में कोई अता-पता नहीं है। लेकिन बाजी निर्देशक रितेश एस कुमार मार चुके हैं।

कौन हैं ओशो

दुनियाभर में मशहूर ओशो रजनीश भारतीय रहस्यवादी, गुरु और शिक्षक थे। उन्होंने हर विषय पर खुलकर अपने विचार रखे फिर चाहे वह सेक्स की बात हो या धर्म का विरोध। इस कारण पूरी दुनिया में लाखों उनके समर्थक थे तो दूसरी ओर हजारों की तादाद में विरोधी। उनके पास 98 रॉल्स रॉय, कारें थीं, जो उनके अनुयायियों ने भेंट की थीं। ओशो का जन्म 11 दिसंबर 1931 को मध्यप्रदेश के भोपाल के पास रायसेन जिले के कुचवाड़ा में अपने नाना नानी के यहां हुआ था।

उनके बचपन का नाम चंद्रमोहन जैन था, 1960 में ज्ञान प्राप्त होने के बाद उन्होंने अपना नाम भगवान रजनीश ‘ओशो’ रख लिया था। ओशो के पिता बाबूलाल जैन और माता सरस्वती जैन थीं। कहा जाता है कि वह जन्म के तीन दिन तक न हंसे और न ही रोए। न दिन बाद जब उन्हें नहलाया गया वह तब रोए। वह बचपन से ही विद्रोही स्वरूप के थे। उन्होंसे सेक्स को लेकर काफी खुले विचार रखे। वह सेक्स को लेकर स्वतंत्र रवैये की वकालत करते थे, इस कारण उन्हें सेक्स गुरु की उपाधि दी गई। 21 मार्च 1953 को भंवरलाल गार्डन जबलपुर में एक पेड़ के नीचे ओशो को ज्ञान की प्राप्ति हुई।

ओशो की मृत्यु

ओशो को अमेरिकी सरकार ने बिना किसी सुबूत के गिरफ्तार कर लिया था और उन्हें जेल में थेलिनियम जहर दिया गया था। इसे स्लो पॉइजन कहा जाता है। 58 वर्ष की उम्र में 9 जनवरी 1990 को पुणे में ओशो का निधन हार्टअटैक के चलते हुआ।