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State Of Siege- Temple Attack Review: ज़ी5 पर रिलीज हुई ‘स्टेट ऑफ़ सीज- टेम्पल अटैक’, अक्षय खन्ना की वेब सीरीज को मिला मिक्स रिस्पॉन्स

State Of Siege- Temple Attack Review: ज़ी5 पर 9 जुलाई को ‘स्टेट ऑफ़ सीज- टेम्पल अटैक’ रिलीज हुई। इसे दर्शकों का मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला है। बता दें कि इस सीरीज से बॉलीवुड एक्टर अक्षय खन्ना ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपना डेब्यू किया है।

नई दिल्ली। ज़ी5 पर 9 जुलाई को ‘स्टेट ऑफ़ सीज- टेम्पल अटैक’ रिलीज हुई। इसे दर्शकों का मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला है। बता दें कि इस सीरीज से बॉलीवुड एक्टर अक्षय खन्ना ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपना डेब्यू किया है। ये सीरीज आतंकी घटनाओं पर आधारित है। इससे पहले ‘स्टेट ऑफ़ सीज-26/11’  जी5 पर रीलीज हो चुकी है। इसमें मुंबई हमलों की कहानी थी। तो वहीं,  ‘टेम्पल अटैक’ में अहमदाबाद के अक्षरधाम मंदिर पर साल 2002 में हुए आतंकी हमले से प्रेरित बताया जा रहा है।

state of siege

बता दें कि ये सिर्फ़ एक आतंकी घटना पर बनी फ़िल्म नहीं है, बल्कि ये एक हॉस्टेज ड्रामा है। ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अक्षरधाम मंदिर हमले की पृष्ठभूमि में हॉस्टेज ड्रामा को स्थापित किया गया है। हालांकि, डिस्क्लेमर में इसे ‘एक सच्ची घटना’ से प्रेरित फ़िल्म बताया गया है। कहीं दावा नहीं किया है कि फ़िल्म अक्षरधाम मंदिर की घटना से ही प्रेरित है या उस पर आधारित है। इसीलिए, फ़िल्म में अक्षरधाम मंदिर को कृष्णा धाम मंदिर दिखाया गया है और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को मनीष चोक्सी।

स्टेट ऑफ़ सीज- टेम्पल अटैक दर्शकों को पकड़कर रखने में कामयाब हैं। आप इसे देखकर बोर नहीं होंगे। इतना ही नहीं एनएसजी ऑपरेशन के कुछ दृश्य काफी शानदार है और रोमांचित करने में कामयाब रहते हैं।

फिल्म की कहानी की बात करें तो, इसकी शुरुआत साल 2001 में जम्मू-कश्मीर के कूपवाड़ा सेक्टर में किसी अनजान लोकेशन से होती है। यहां कुछ आंतकी छिपे हुए होते हैं। जब तक मदद नहीं पहुंचती एनएसजी के मेजर हनूत सिंह को अपनी यूनिट के साथ उन पर नज़र रखने के लिए कहा जाता है। देर होते देख हनूत आतंकी ठिकाने पर हमला कर देता है, जहां से एक लड़की को छुड़ाया जाता है। इसके बाद फिल्म की असली कहानी शुरु होती है, जो आपको जी5 पर देखने को मिलेगी।

 

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फ़िल्म की ख़ूबी ये है कि इसमें किसी भी किरदार को जबरन हीरो दिखाने की कोशिश नहीं की गयी है। इसमें हर किरदार अपने आप में हीरो है। फिर चाहे वो अक्षय कुमार का किरदार मेजर हनूत सिंह ही क्यों ना हो। ऐसा इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि पटकथा लेखक विदेशी हैं, जहां बॉलीवुड स्टाइल हीरोइज़्म का चलन कम ही देखा जाता है।

 

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