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Urfi Javed: इस्लाम में उर्फी जावेद को यकीन नहीं, पढ़ रहीं भगवद गीता, बोलीं- मुस्लिम लड़के से नहीं करूंगी शादी

Urfi Javed : उर्फी जावेद ने कहा कि मुस्लिम धर्म के लड़के मुझसे नफरत करते हैं क्योंकि वो लोग महिलाओं को अपने काबू में रखना चाहते हैं। वो लोग चाहते हैं कि महिलाएं एक निश्चित तरीके से बर्ताब करें। यही कारण है कि मैं इस्लाम को नहीं मानती। मुझे ट्रोल करने के पीछे कारण मेरा उनकी इच्छा अनुसार बर्ताव न करना है।

नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी में पहले ही हफ्ते में बाहर होने वाली उर्फी जावेद आज के समय में एक फैशन डीवा बन चुकी हैं। अपनी अतरंगी और बोल्ड ड्रेस को लेकर उर्जी जावेद अक्सर सोशल मीडिया पर छाई रहती है। हालांकि अपने इस ड्रेसिंग सेंस को लेकर वो कईयों की चहेती हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे
भी हैं जो उर्जी को उनके कपड़ों के लिए ट्रोल भी करते हैं। इस बीच अब उर्फी अपने एक बयान को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, एक नीजी चैनल के साथ बातचीत में उर्फी ने अपनी ट्रोलिंग, मैरिज प्लान्स और लव लाइफ को लेकर कई बातें शेयर की।

urfi javed

हालांकि, उर्फी जावेद एक कंजरवेटिव मुस्लिम फैमिली से ताल्लुक रखती हैं लेकिन उनका कहना है कि वो किसी मुस्लिम लड़के से शादी नहीं करना चाहती। उर्फी ने कहा कि ये जरूरी नहीं होता कि आप किससे प्यार करते हैं। चाहे वो किसी भी धर्म का हो। बस जिसे आप प्यार करते हैं उससे शादी करें ये जरूरी है। इस दौरान उर्फी ने खुद को ट्रोल करने वालों को लेकर कहा कि उन्हें इसलिए ट्रोल किया जाता है, क्योंकि इंडस्ट्री में उनका कोई गॉडफादर नहीं है। इसके अलावा उनके ट्रोल होने का कारण उनका मुस्लिम होना भी हैं। इसके आगे उन्होंने कहा कि मैं एक मुस्लिम लड़की हूं और ज्यादातर मुझे ट्रोल करने वाले लोग भी मुस्लिम होते हैं। उन्हें लगता है कि मेरी वजह से इस्लाम की छवि खराब हो रही है। उर्फी ने ये भी बताया कि वो इन दिनों भगवद गीता पढ़ रही हैं।

urfi javed

मैं इस्लाम में विश्वास नहीं रखती- उर्फी

उर्फी जावेद ने कहा कि मुस्लिम धर्म के लड़के मुझसे नफरत करते हैं क्योंकि वो लोग महिलाओं को अपने काबू में रखना चाहते हैं। वो लोग चाहते हैं कि महिलाएं एक निश्चित तरीके से बर्ताब करें। यही कारण है कि मैं इस्लाम को नहीं मानती। मुझे ट्रोल करने के पीछे कारण मेरा उनकी इच्छा अनुसार बर्ताव न करना है। इसके आगे उर्फी ने कहा कि मैरे भाई-बहन इस्लाम धर्म फॉलो करते हैं, लेकिन मैं नहीं करती। न कभी उन लोगों ने मुझे इसके लिए फोर्स किया और ऐसा ही होना चाहिए। आप किसी पर जबरन अपना धर्म नहीं थोप सकते। हर चीज दिल से की जानी चाहिए, नहीं तो न आप और न ही अल्लाह खुश रहेंगे।