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LIVE: किसान नेता वीएम सिंह ने आंदोलन से अलग होने का किया ऐलान, राकेश टिकैत पर भी लगाए गंभीर आरोप

Tractor Rally: एक तरफ जहां पूरा देश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर सेना के पराक्रम को देख रहा था। वहीं दूसरी ओर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसक प्रदर्शन हुआ, जिसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है।

नई दिल्ली। एक तरफ जहां पूरा देश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर सेना के पराक्रम को देख रहा था। वहीं दूसरी ओर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसक प्रदर्शन हुआ, जिसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। इस बीच दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर जो हिंसा हुई अब उसको लेकर दिल्ली पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है। दिल्ली के कई इलाकों में तांडव करने वाले प्रदर्शनकारियों को पुलिस तलाश में जुट गई है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए अब हुड़दंगियों की पहचान करने में जुटी है। बता दें कि दिल्ली में किसानों के उग्र प्रदर्शन के अराजक हो जाने के बाद हुई हिंसा में करीब 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं। अधिकारियों ने यहां इसकी जानकारी दी।

अपडेट-
भारतीय किसान यूनियन का भानु गुट भी किसान आंदोलन से अलग हो गया है। संगठन के मुखिया भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने का ऐलान किया है।


किसान नेता वीएम सिंह ने ऐलान किया है कि उनका संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो रहा है। वीएम सिंह के संगठन का नाम राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ है। ये संगठन अब आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा। वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा। हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं। उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं। वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत सरकार के साथ मीटिंग में गए। उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई क्या। उन्होंने धान की बात की क्या। उन्होंने किस चीज की बात की। हम केवल यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है।

हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं… ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए: किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वी.एम. सिंह


सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी: किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह, गाजीपुर बॉर्डर से

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को शहर में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 200 लोगों को हिरासत में लिया। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

दिल्ली के लाल किले के अंदर की तस्वीरें, जहां पर सीसीटीवी कैमरा टूटा हुआ है, सामान ज़मीन पर बिखरे हुए है और कांच के टुकड़े भी ज़मीन पर पड़े हुए दिखे। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने कल किले के पोल पर चढ़कर अपना झंडा फहराया था।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर कल किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

बुधवार को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी लाल किले पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया।

वहीं ट्रैक्टर रैली में हिंसा और किसानों के प्रदर्शन के चलते बुधवार को दिल्ली के कई रास्ते बंद हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अपने बयान में कहा, गाजीपुर मंडी, NH-9 और NH-24 को बंद कर दिया गया है, जिसे दिल्ली से गाजियाबाद जाना है वह कड़कड़ी मोड़, शाहदरा और DND का इस्तेमाल करें।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, जिसने झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साज़िश पिछले 2 महीने से चल रही है। कुछ लोग को चिंहित किया गया है उन्हें आज ही यहां से जाना होगा। जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

दिल्ली हिंसा पर मायावती का ट्वीट

दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। और इसकी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा,  देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए।

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, साथ ही बीएसपी की केन्द्र सरकार से पुनः यह अपील है कि वह तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापिस लेकर किसानों के लम्बे अरसे से चल रहे आन्दोलन को खत्म करे ताकि आगे फिर से ऐसी कोई अनहोनी घटना कहीं भी न हो सके।