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Punjab: आम आदमी पार्टी को लगा बड़ा झटका, पंजाब से आई ये बुरी खबर

Punjab: कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि, पंजाब कांग्रेस में कोई झगड़ा नहीं है। समिति के साथ बातचीत गोपनीय है। जो भी उन्होंने पूछा, मुझे जो भी कहना था मैंने उनके समक्ष रखा है। पार्टी की प्रथा और परंपरा रही है कि जिस प्रदेश में हम चुनाव लड़ते हैं उसकी रणनीति और मुद्दों पर विचार विमर्श होता है।

नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, गुरुवार को एक साथ पार्टी के तीन बागी नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) खुद आज पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान को लेकर 3 सदस्यीय समिति से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचने वाले हैं। लेकिन इससे पहले ही अमरेंद्र सिंह ने एक बार फिर से अपना दम दिखाया है।

Punjab Congress

बता दें कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने वालों में सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal Singh Khaira), जगदेव सिंह कमलू (Jagdev Singh Kamalu) और पिरमल सिंह धौला (Pirmal Singh Dhaula) शामिल हैं। तीनों ने चंडीगढ़ में कांग्रेस की सदस्यता ली।

पंजाब कांग्रेस ने ट्वीट कर जानकारी दी, “मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले सुखपाल खैरा विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष और उनके दो आप विधायक सहयोगियों जगदेव सिंह कमलू, विधायक मौर और पीरमल सिंह धौला, विधायक भदौरा का पार्टी में स्वागत किया।”

कभी अमरिंदर सिंह की कड़ी आलोचना करने वाले फायरब्रांड खैरा ने कांग्रेस छोड़ दी थी और दिसंबर 2015 में आप में शामिल हो गए थे। वह 2017 में भोलाथ विधानसभा सीट से चुने गए थे। हालांकि, पंजाब विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता खैरा ने जनवरी 2019 में आप की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अपनी खुद की पार्टी पंजाबी एकता पार्टी भी बनाई थी। अन्य दो विधायक कमलू और धौला पहली बार विधायक थे। इस समारोह में पटियाला की सांसद और मुख्यमंत्री की पत्नी परनीत कौर मौजूद रहीं। पंजाब इकाई में अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए कांग्रेस कमेटी से मिलने के लिए अमरिंदर सिंह को दिल्ली में बुलाया गया था।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि, पंजाब कांग्रेस में कोई झगड़ा नहीं है। समिति के साथ बातचीत गोपनीय है। जो भी उन्होंने पूछा, मुझे जो भी कहना था मैंने उनके समक्ष रखा है। पार्टी की प्रथा और परंपरा रही है कि जिस प्रदेश में हम चुनाव लड़ते हैं उसकी रणनीति और मुद्दों पर विचार विमर्श होता है।

गौरतलब है कि इन दिनों मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।