Congress On UCC: समान नागरिक संहिता के बीजेपी के वादे से फंसी कांग्रेस! बोली- समर्थन देने को तैयार
समान नागरिक संहिता UCC का मुद्दा उठाकर बीजेपी ने विपक्षी दलों की सियासी लकीर से बड़ी लकीर खींच दी है। ये मुद्दा बीजेपी के एजेंडे में लगातार रहा है। पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में भी समान नागरिक संहिता को जरूरी बताया था। उन्होंने इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 44 का हवाला भी दिया था।
नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता UCC का मुद्दा उठाकर बीजेपी ने विपक्षी दलों की सियासी लकीर से बड़ी लकीर खींच दी है। ये मुद्दा बीजेपी के एजेंडे में लगातार रहा है। पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में भी समान नागरिक संहिता को जरूरी बताया था। उन्होंने इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 44 का हवाला भी दिया था। जिसमें कहा गया है कि संसद आगे चलकर समान नागरिक संहिता लागू कराएगी। बीजेपी की ओर से हिमाचल और गुजरात चुनाव के संकल्प पत्रों में समान नागरिक संहिता लागू करने के वादे के बाद अब कांग्रेस इस मामले में मौके की नजाकत समझती नजर आ रही है। कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी का बयान पार्टी के इस रुख की तस्दीक करता है।
हिंदी अखबार ‘दैनिक हिंदुस्तान’ के मुताबिक अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को कहा कि यूसीसी पर सरकार अगर बहुत हद तक सहमति बनाती है, तो कांग्रेस इसका जरूर समर्थन करेगी। सिंघवी ने कहा कि ये मसला सिर्फ राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए। सिंघवी ने हिमाचल और गुजरात में यूसीसी लागू करने के बारे में कहा कि 8 साल से केंद्र और हिमाचल और गुजरात में सरकार चलाने के बाद भी बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को लागू करने की कोई बात नहीं कही। अब चुनाव के वक्त उनको ये मुद्दा याद आया है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि एक प्रदेश में यूसीसी हो और दूसरे में न हो। यूसीसी एकसमान होना चाहिए।
वैसे सिंघवी का ये बयान आया है कि किसी जगह यूसीसी और दूसरे में न हो, ऐसा संभव नहीं है, लेकिन हकीकत ये है कि गोवा में यूसीसी बहुत पहले से लागू है। वहां पुर्तगाली शासन के दौर से ही समान नागरिक संहिता है। गोवा में किसी भी समुदाय के पर्सनल लॉ नहीं चलते। उसी को आधार बनाकर उत्तराखंड सरकार ने भी यूसीसी लागू करने के लिए कमेटी बनाकर उससे रिपोर्ट मांगी है।