भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को वोटिंग होने वाली है। यानी मतदान में अब सिर्फ 3 दिन बचे हैं। मध्यप्रदेश में कल यानी मंगलवार शाम 5 बजे से चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने दागी प्रत्याशियों के बारे में जानकारी सार्वजनिक की है। एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि मध्यप्रदेश में 472 दागी यानी आपराधिक मामलों में लिप्त प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। इनमें सबसे ज्यादा दागी कांग्रेस ने उतारे हैं। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कुल 2534 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस तरह दागी प्रत्याशी करीब 19 फीसदी हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा 175 आपराधिक मामले बीजेपी के प्रत्याशी सुरेंद्र पटवा पर दर्ज हैं। वहीं, भारत आदिवासी पार्टी के कमलेश्वर डोडियार पर 15 आपराधिक केस हैं। दागियों को उतारने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है। कांग्रेस के प्रत्याशी पीसी शर्मा पर 14 और सुनील शर्मा पर 12 आपराधिक केस हैं।
बीजेपी के प्रत्याशी बिसाहू लाल सिंह ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में खुद पर 12 आपराधिक मामले होने की बात कही है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के 230 में से 121 ने खुद पर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही है। इनमें से 61 पर गंभीर आपराधिक केस हैं। बीजेपी के 230 में से 65 ने बताया है कि उनपर आपराधिक केस हैं। इनमें से 23 ने गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात चुनाव आयोग को बताई है। आम आदमी पार्टी के 66 में से 26 प्रत्याशियों पर आपराधिक केस हैं। इनमें से 18 पर गंभीर मामले हैं। वहीं, बीएसपी के 16 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस हैं।
गंभीर आपराधिक मामलों में प्रत्याशियों पर लगे आरोपों की बात करें, तो मध्यप्रदेश में दागी उम्मीदवार ने अपने चुनावी हलफनामे में जानकारी दी है कि उनके खिलाफ महिलाओं से अपराध के भी मामले हैं। 1 प्रत्याशी ने खुद पर रेप केस होना बताया है। 10 उम्मीदवारों ने हत्या के आरोपों में घिरा होने की जानकारी दी है। 17 प्रत्याशियों ने हत्या की कोशिश का केस खुद पर दर्ज होने की जानकारी चुनाव आयोग को दी है। अब देखना ये है कि मध्यप्रदेश की जनता 17 नवंबर को होने वाली वोटिंग में दागियों को चुनकर विधानसभा में भेजती है या इनकी जगह साफ छवि के उम्मीदवारों को अपना प्रतिनिधि चुनती है। जनता का नतीजा क्या रहता है, ये 3 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद ही पता चल जाएगा।