नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले महीने जासूसी के आरोप में पकड़े गए पाकिस्तान के 2 अधिकारियों को उनके स्वदेश भेजे जाने के बाद पाक की इन हरकतों पर लगाम लगाने के लिए भारत ने ठोस कदम उठाया है। भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग से अपने 50 फीसदी स्टाफ कम करने को कहा है। बता दें कि दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग से भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह बात कही है।
दरअसल दिल्ली में जासूसी के आरोप में पकड़े गए दो पाकिस्तानी अफसरों को पाकिस्तान भेजने के बाद विदेश मंत्रालय (MEA) ने आज मंगलवार को पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारियों को तलब किया और उन्हें बताया कि भारत बार-बार उनके उच्चायोग के अधिकारियों की गतिविधियों के बारे में चिंता जाहिर कर चुका है।
हालांकि पाकिस्तान उच्चायोग के 50 फीसदी स्टाफ कम करने के एवज में भारत भी पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने 50 फीसदी स्टाफ कम करेगा। यह फैसला सात दिनों में अमल में लाया जाना है। इसे लेकर भारत में पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारियों को सूचित कर दिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने पाक अधिकारी से कहा कि पाकिस्तानी उच्चायोग से जुड़े लोग जासूसी के कामों में लगे हुए हैं और आतंकवादी संगठनों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा हुआ है। गौरतलब है कि पिछले महीने 31 मई को दो पाकिस्तानी अधिकारियों की गतिविधियों को रंगे हाथ पकड़ा गया था जिसके बाद उन्हें देश से निष्कासित कर दिया गया था।
उधर पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों को जारी रखे है। बता दें कि पाकिस्तान समानांतर रूप से इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को उनके वैध राजनयिक कार्यों को करने से रोकने की लगातार कोशिश में लगा हुआ है। गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान में दो भारतीय अधिकारियों का बंदूक की नोक पर अपहरण और उनके साथ बुरा सलूक करना, इस ओर रेखांकित करता है कि पाकिस्तान किस दिशा में चला गया है। ये अधिकारी एक दिन पहले सोमवार (22 जून) को भारत लौटे और उन्होंने पाकिस्तानी एजेंसियों के हाथों हुए बर्बर व्यवहार की पूरी जानकारी दी।
पाकिस्तान और उसके अधिकारियों का यह व्यवहार विएना कन्वेंशन और राजनयिक तथा कांसुलर अधिकारियों के साथ व्यवहार पर द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप नहीं है। इसके विपरीत, यह सीमापार हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करने की एक बड़ी नीति का आंतरिक तत्व जैसा है। इसलिए, भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी तक कम करने का निर्णय लिया है। भारत पारस्परिक रूप से उसी अनुपात में इस्लामाबाद में अपनी उपस्थिति को भी कम करेगा।