कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सीएम और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी के लिए आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसकी वजह है विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर हिंसा की घटनाओं की जांच सीबीआई कर रही है। जांच एजेंसी ने अब बताया है कि ऐसे करीब 51 केस उसने दर्ज किए हैं और 4 महीने में ही 20 मामलों में 100 लोगों पर चार्जशीट दाखिल कर दी है। सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जांच एजेंसी ने मानदंडों के आधार पर केस दर्ज किए। इसके अलावा सीबीआई को बंगाल में यौन अपराधों की 29 शिकायतें मानवाधिकार आयोग से मिली थीं। इनमें 7 केस दर्ज हो चुके हैं।
बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई के अलावा एक जांच दल भी बनाया है। कोर्ट ने 19 अगस्त 2021 को सभी मामलों की जांच के आदेश सीबीआई और जांच दल को दिए थे। ममता की सरकार ने किस तरह मामलों को दबाए रखा, ये भी सामने आ रहा है। सीबीआई के मुताबिक हाईकोर्ट के आदेश पर 64 मामलों की रिपोर्ट पुलिस ने उसे भेजी। इसमें से 39 केस दर्ज हुए हैं और 4 पर केस होने वाले हैं। 21 मामले हाईकोर्ट के बनाए जांच दल और राज्य पुलिस को भेजे गए हैं।
पहले सीएम ममता बनर्जी ने जांच दल और सीबीआई की जांच को राजनीति से प्रेरित बताया था, लेकिन अब जांच के बाद उनकी पार्टी के नेता और तमाम कार्यकर्ता फंसते दिख रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक चुनाव के बाद हिंसा के कई मामलों में तृणमूल के स्थानीय नेता और गुंडे शामिल थे। इस बारे में खुलासा होने के बाद अब ममता बनर्जी फिर विपक्ष के निशाने पर हैं। आने वाले दिनों में और मामलों के खुलासे से सत्तारूढ़ टीएमसी के आलाकमान तक भी उंगलियां उठ सकती हैं। पश्चिम बंगाल में 2 मई 2021 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बड़ी तादाद में हिंसा की घटनाएं हुई थीं। यहां तक कि राज्य के तमाम लोग शरण लेने के लिए असम भी चले गए थे।