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UP: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण अंतिम चरण में, 13 दिसंबर को PM मोदी करेंगे लोकार्पण

आपको बताते चले कि उक्त तारीख को ही प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर का लोकार्पण किया जा सकता है, जिसमें कई मंत्रियों के शिरकत करने के कयास लगे जा रहे हैं। जाहिर है कि किसी मंदिर का उद्धघाटन होने जा रहा हो और बीजेपी के सियासी सूरमाओं द्वारा सपा बसपा और कांग्रेस जैसे दलों पर हमला न बोला जाए।

नई दिल्ली। अगर सब कुछ तय प्रक्रिया और मुकर्रर हुई तारीख से पहले हो गया, तो समझिए कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेशवासियों को काशी विश्वनाथ मंदिर निर्माण के रूप में बड़ा तोहफा मिल सकता है। विगत कई माह से काशी विश्ननाथ मंदिर का विस्तारिकरण चल रहा है। अब तक 80 फीसद कार्य संपन्न हो चुका है। तय तिथि व यथाशीघ्र सभी कार्यों को संपन्न करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन मंदिर निर्माण से संबंधित कई कार्य शेष हैं, जिसे संपन्न किया जा रहा है। शासन-प्रशासन की तरफ से मंदिर निर्माण की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि यदि यथावत गति से गतिविधियों को अंजाम दिया गया, तो निकट 13 दिसंबर से पूर्व ही मंदिर निर्माण का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा।

आपको बताते चले कि उक्त तारीख को ही प्रधानमंत्री द्वारा मंदिर का लोकार्पण किया जा सकता है, जिसमें कई मंत्रियों के शिरकत करने के कयास लगे जा रहे हैं। जाहिर है कि किसी मंदिर का उद्धघाटन होने जा रहा हो और बीजेपी के सियासी सूरमाओं द्वारा सपा बसपा और कांग्रेस जैसे दलों पर हमला न बोला जाए, वो भी चुनावी मौसम के वक्त, यह भला कैसे हो सकता है, लिहाजा ऐसे में यह देखना भी काफी दिलचस्प होगा कि काशी विश्वनाथ मंदिर के लोकार्पण के बहाने सपा बसपा को निशाने पर लेने के क्रम में बीजेपी के सियासी सूरमाओं की जुबां से क्या कुछ असर करने वाले अल्फाज निकलते हैं।

फिलहाल तो यह आने वाला वक्त ही बताएगा। वहीं, इस संदर्भ में हमारे पास कुछ वीडियो जो हम आपको दिखाने जा रहे हैं। इसमें आप मंदिर निर्माण में जुटे मजदूरों द्वारा किए जा रहे परिश्रम को देख सकते हैं।

खबरों की मानें तो मंदिरों के 26 कमरों का निर्माण कार्य संपन्न किया जा चुका है। अब सिर्फ फिनिशिंग का काम शेष है जिसे भी बहुत जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। मंदिर में प्रवेश करने हेतु चार द्वार निर्मित किए गए हैं। इन चार द्वारों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। मंदिरों के चारों तरफ परिक्रमा तैयार किया गया है।

मंदिर के निर्माण में सात तरह के पत्थरों का उपयोग किया गया है। 2200 मजदूर निर्माण कार्य के में संल्पित हैं। इसके अलावा मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक भवन, जलपान केंद्र, अन्न क्षेत्र और दुकानें भी बनकर तैयार हैं। काशी विश्वनाथ का दरबार अब सीधे गंगा तट से जुड़ चुका है। वहीं, इस मंदिर निर्माण को लेकर श्रद्धलुओं में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।