newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Parliament Winter Session 2023: मंगलवार को भी लोकसभा में विपक्ष के सांसदों पर एक्शन, थरूर, सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी समेत 49 MP सस्पेंड

Parliament Security Breach Case: बता दें कि भारतीय संसद के इतिहास में ये अबतक बड़ा एक्शन हुआ है। मंगलवार 19 दिसंबर को 49 सांसदों को और निलंबित किए जाने के अब तक 141 सांसदों पर गाज गिरी हैं। वहीं हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

नई दिल्ली। लोकसभा में आज एक बार फिर विपक्ष के कई सांसदों पर एक्शन हुआ है। दरअसल बीते दिनों संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर विपक्षी नेता लगातार हंगामा कर रहे है। इस मुद्दे पर विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग कर रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को भी संसद में हंगामा करने वाले विपक्ष के कई सांसदों पर एक्शन हुआ है। जिनमें शशि थरूर, सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली समेत 49 सांसदों को शीतकालीन के शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इन सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा।

बता दें कि भारतीय संसद के इतिहास में ये अबतक बड़ा एक्शन हुआ है। मंगलवार को 49 सांसदों को और निलंबित किए जाने के लोकसभा में सस्पेंड होने वाले की संख्या 82 हो गई है। वहीं दोनों सदनों को मिलकर 141 सांसदों पर गाज गिरी हैं। वहीं हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

लोकसभा में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया, “सदन के अंदर तख्तियां नहीं लाने का निर्णय लिया गया। हाल के चुनाव हारने के बाद हताशा के कारण वे ऐसे कदम उठा रहे हैं। यही कारण है कि हम एक प्रस्ताव (सांसदों को निलंबित करने का) ला रहे हैं।”

जानिए विपक्षी सांसदों के निलंबन पर किसने क्या कहा… 

विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा और कुछ नहीं है…उन्हें हमारे देश की संसदीय प्रणाली पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है। इसलिए संसद में अराजकता, अराजकता और अराजकता के अलावा कुछ नहीं है।”

सांसद से विपक्ष के 49 सांसदों को सस्पेंड करने पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “यह सरकार सही बात सुनना नहीं चाहती है। भाजपा से यह पूछना चाहिए कि वे लोकतंत्र का मंदिर बोलते हैं। हम सब अपने भाषणों में लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं। ये किस मुंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं, जब ये विपक्ष को बाहर कर रहे हैं। ये शुरुआत अपनी मनमानी चीजें करने की… अगर ये दूसरी बार सरकार में आ गए तो यहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा.. हम और आप इस दरवाजे से घुस नहीं पाएंगे।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारुख़ अब्दुल्ला ने कहा, “पुलिस किसके हाथ में है? वह गृह मंत्रालय के अधीन है। क्या हो जाता अगर वे (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) संसद में आकर 5 मिनट बयान दे देते और कह देते कि हम कार्रवाई कर रहे हैं।”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे…आज, अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, मैं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ लेकिन जो भी उपस्थित थे उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि वे बिना किसी चर्चा के अपने विधेयकों को पारित करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है।”