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Corona New Variant: इन देशों से आने वालों पर भारत में सतर्कता, ठीक से स्क्रीनिंग करने का फैसला

दुनिया के तमाम देश इस वैरिएंट की वजह से फ्लाइट और ट्रैवेल बैन कर रहे हैं। यूरोप में भी कोरोना का ये नया वैरिएंट पहुंच गया है। भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका ने भी अफ्रीका के छह देशों से लोगों के आने पर रोक लगा दी है।

नई दिल्ली। कोरोना के नए Omicron वैरिएंट के फैलाव को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार जल्दी ही बड़ा फैसला ले सकती है। फिलहाल सरकार ने कई देशों से आने वालों के बारे में सतर्कता बरतने और इनकी अच्छी स्क्रीनिंग का फैसला किया है। सरकार ने जिन देशों के नागरिकों की स्क्रीनिंग कराने का फैसला किया है, उनमें हांगकांग, इजरायल, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, यूरोप के देश, ब्रिटेन हैं। यहां से आने वालों पर सरकारी तंत्र गहरी नजर रखेगा। सभी राज्यों को इस बारे में उचित कदम उठाने के लिए कह दिया गया है। कोरोना के इस नए वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक बताया है। जिसके बाद सरकारी तंत्र और सक्रिय हो गया है। दुनिया के तमाम देश इस वैरिएंट की वजह से फ्लाइट और ट्रैवेल बैन कर रहे हैं। यूरोप में भी कोरोना का ये नया वैरिएंट पहुंच गया है। भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका ने भी अफ्रीका के छह देशों से लोगों के आने पर रोक लगा दी है। इनमें दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, नामीबिया, लेसोथो और एस्वातिनी शामिल हैं। इन देशों से जो लोग श्रीलंका आए हैं, उन्हें क्वारंटीन में रखने का फैसला हुआ है।

PM Modi

कोरोना के नए वैरिएंट के बारे में कहा जा रहा है कि ये डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है। इसके प्रसार का स्तर भी ज्यादा है। बताया ये भी जा रहा है कि कोरोना की वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी ये अपनी चपेट में ले रहा है। इससे पहले डेल्टा वैरिएंट ने जमकर तांडव मचाया था। डेल्टा वैरिएंट की वजह से अब भी अमेरिका, यूरोप और रूस समेत कई देशों में बड़ी तादाद में मरीज मिल रहे हैं और लोगों की मौत हो रही है।

international servie

अगले साल की शुरुआत में भारत में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। इसे दौरान अगर कोरोना का नया वैरिएंट आकर हाहाकार मचाता है, तो इससे राजनीतिक अनिश्चितता पनप सकती है। इसे देखते हुए मोदी सरकार बड़ा फैसला कर सकती है। बता दें कि डेल्टा वैरिएंट के हाहाकार मचाने के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव हुए थे। जिसे लेकर मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर सवालिया निशान खड़े किए गए थे।