काबुल। अफगानिस्तान में तालिबानी शासन लागू होने के बाद कई तरह के वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें तालिबान की तरफ से भरोसा दिलाया जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान से किसी को भय नहीं है। वहीं काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद अब तालिबान अपने मेकओवर में लगा हुआ है। खुद को वो इस बार पहले से काफी अलग बता रहा है। महिलाओं पर सितम ढाने को मशहूर तालिबान इस बार तो यहां तक कह रहा है कि, वो महिलाओं को शरीयत के हिसाब से हक देगा। वहीं लोगों में विश्वास दिलाने के लिए उसके लड़ाके काबुल की सड़कों पर जाकर सरकारी कर्मचारियों से काम पर जाने के लिए कह रहे हैं लेकिन इस पूरी कवायद में वहां के लोगों में तालिबान को लेकर विश्वास पैदा नहीं हो पाया है। इस बीच तालिबान के खिलाफ विरोध की आवाजें भी उठनी शुरू हो गई हैं।
Protest in Jalalabad city in support of National flag.#Afghanistan pic.twitter.com/oxv3GL0hmS
— Pajhwok Afghan News (@pajhwok) August 18, 2021
बता दें कि तालिबान के ‘आतंक’ के खिलाफ पंजशीर में बगावत की चिंगारी उठी है। नॉर्दन एलायंस ने इस इलाके में अपना झंडा फहरा दिया है। इसके अलावा जलालाबाद में भी तालिबान के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आये हैं। लोग अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करते देखे गए। इन्होंने शहर की एक व्यस्त चौक पर अफगानिस्तान का झंडा फहरा दिया। मिली जानकारी के मुताबिक तालिबान के लड़ाकों ने इन लोगों पर गोलियां चलाई।
इस विरोध प्रदर्शन को लेकर सूत्रों से मिला जानकारी में पता चला है कि, तालिबान का कब्जा अबतक पंजशीर इलाके में नहीं हुआ है। इसके अलावा अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने चरिकर इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है। चरिकर अफगानिस्तान का वो इलाका है, जहां से काबुल और मजार-ए-शरीफ को जोड़ने वाली सड़क जाती है। वहीं तालिबान के बढ़ते कदम को देख देश छोड़कर भागे अशरफ गनी के बाद अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। सालेह का कहना है कि वो अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं।