जयपुर। बिहार के बाद अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी जातिगत सर्वे कराने का फैसला किया है। अशोक गहलोत सरकार ने शनिवार को इसके आदेश दिए हैं। राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी जल्दी होने वाले हैं। ऐसे में इसे सीएम अशोक गहलोत का एक और चुनावी दांव माना जा रहा है। वहीं, कांग्रेस कह रही है कि वो जिसकी जितनी भागीदारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। जातिगत सर्वे कराने के गहलोत सरकार के फैसले के बारे में जारी आदेश में बताया गया है कि राजस्थान सरकार इसके लिए अपने संसाधन का इस्तेमाल करेगी।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार जाति आधारित सर्वे कराएगी।
कांग्रेस ‘जिसकी जितनी भागीदारी-उसकी उतनी हिस्सेदारी’ के अपने संकल्प पर काम कर रही है। pic.twitter.com/c4R2uAK0ak
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) October 7, 2023
राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि राजस्थान में रहने वाले सभी लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक आंकड़े इस जातिगत सर्वे में जुटाए जाएंगे। राजस्थान सरकार का आर्थिक और सांख्यिकी विभाग इस सर्वे को कराएगा और नोडल विभाग के तौर पर काम करेगा। सभी जिलों के कलेक्टर जातिगत सर्वे के प्रभारी होंगे। यानी उनकी देखरेख में सर्वे का काम किया जाएगा। जातिगत सर्वे के लिए राजस्थान में नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगम, ग्राम और पंचायत स्तर के कर्मचारियों को लगाया जाएगा। आर्थिक और सांख्यिकी विभाग को इस जातिगत सर्वे के लिए राजस्थान सरकार ने सवाल तैयार करने का जिम्मा दिया है। सर्वे के सभी आंकड़ों को विशेष सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप से अपलोड करने को भी कहा गया है।
जातिगत सर्वे कराने की मांग कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन में शामिल ज्यादातर दल कर रहे हैं। बिहार ने इसे सबसे पहले कराया है। हालांकि, बिहार में तमाम जगहों से ये आवाजें उठ रही हैं कि सर्वे करने के लिए सरकारी अफसर तो घर आए ही नहीं। वहां इस वजह से सियासत भी गरमाई हुई है। बहरहाल, माना जा रहा है कि जल्दी ही अन्य विपक्ष शासित राज्यों में भी जातिगत सर्वे कराया जा सकता है। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी इसे समाज के लिए गलत बता चुके हैं। मोदी ने जाति की राजनीति को पाप भी कहा है। राजस्थान सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जातिगत सर्वे का आदेश दिया है, लेकिन फिलहाल इस काम की तैयारी में ही काफी वक्त लगेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार के दौर में इसका शुरू होना मुश्किल है।