नई दिल्ली। हमुमान चालिसा पर विवाद, मस्जिदों में मंदिरों का दावा और लाउडस्पीकर विवाद के बाद अब इन दिनों देश में पैगंबर मोहम्मद को लेकर मामला गर्माया हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं के द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की गई है। इस मामले की शुरुआत भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के एक बयान के बाद हुई थी जिसमें उन्होंने एक टीवी न्यूज चैनल पर बहस के दौरान पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर दी थी। नुपुर शर्मा के इस बयान के बाद से ही बवाल देखने को मिल रहा था। इसे लेकर कानपुर में जुलूस निकाला गया था जिसमें सांप्रदायिक हिंसा भी भड़की थी। भाजपा की तरफ से इस बयान को लेकर आगामी 6 सालों के लिए नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया है। वहीं, भाजपा ने जिंदल को भी पैगंबर मोहम्मद (Prophet Mohammad) को लेकर दिए गए बयान के बाद निष्कासित कर दिया था।
इस मामले पर कई इस्लामिक देशों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई देशों ने जहां भारतीय राजदूतों को तलब किया। तो कई देशों में तो भारतीय वस्तुओं के बहिष्कार तक की आवाजें उठी। पैगंबर मोहम्मद को लेकर बवाल के बीच बुधवार को ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अबदुल्लाह भारत के दौरे पर आए। इस दौरान उन्होंने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ईरान ने अपने पुराने बयान से हटकर अपना रुख बदल लिया है। दरअसल, ईरान की तरफ से पहले बयान में ये दावा किया गया था कि उसके विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन को एनएसए डोभाल ने बताया था कि जिन्होंने पैगंबर को लेकर विवादित बयान दिए हैं, उन्हें सबक सिखाया जाएगा।
Pleased to meet PM Modi, FM Jaishankar & other Indian officials to advance our bilateral strategic dialogue.
Tehran & New Delhi agree on the need to respect divine religions & Islamic sanctities & to avoid divisive statements.
???? determined to bring relations to new heights.
— H.Amirabdollahian امیرعبداللهیان (@Amirabdolahian) June 8, 2022
अब अपनी इन पंक्तियों को ईरानी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट से हटा दिया गया है। ईरान के मंत्री ने बीती रात अपने ट्वीट में लिखा था, “हमारी द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और अन्य भारतीय अधिकारियों से मिलकर प्रसन्नता हुई। तेहरान और नई दिल्लील, ईश्व रीय धमों और इस्लारमी पवित्रताओं (divine religions & Islamic sanctities)का सम्मान.न करने और विभाजनकारी बयानों से बचने की जरूरत पर सहमत हैं।”
यहां विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक में पैगंबर टिप्पणी विवाद को नहीं उठाया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ईरानी रीडआउट (Iranian readout) के हवाले से आई रिपोर्ट के जवाब में कहा, “ईरानी रीडआउट को वापस ले लिया गया है.”उन्होंने कहा, “यह मुद्दा विदेश मंत्री जयशंकर के साथ चर्चा के दौरान नहीं उठाया गया था. हम यह स्पष्ट कर चुके हैं ट्वीट और टिप्पणियां सरकार के विचारों को अभिव्यक्त नहीं करती हैं। यह इन देशों को अवगत कराया गया है और तथ्य यह भी है कि कार्रवाई की गई है।” ईरान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा था, “दोषियों से निपटने को लेकर भारत के रुख से मुसलमान संतुष्ट हैं।”