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Ayodhya: रामलला के बाद अब अयोध्या में सीता से जुड़ी धरोहर को संवारने में जुटे योगी, इस फैसले से बदल जाएगी तस्वीर

Uttar Pradesh: लखनऊ की एक निजी कंपनी को सीता ताल से कूड़ा हटाने का काम मिला है। यहां करीब 80000 मीट्रिक टन कूड़ा इकट्ठा है। जिसे हटाने के बाद सीता ताल को उसका पुराना स्वरूप मिल सकेगा। कूड़ा हटाने और सीता ताल का सुंदरीकरण करने में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

अयोध्या। रामनगरी में रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है। इसके साथ ही अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मां सीता से जुड़े एक धरोहर को संवारने का बीड़ा उठाया है। सीएम योगी के इस फैसले से यहां की सूरत बदल जाएगी। अयोध्या में सीता ताल है। इसका संबंध मां सीता से बताया जाता है, लेकिन पिछले कई दशकों से यह जगह कूड़ाघर में तब्दील हो गई थी। शहर का कूड़ा यहां लाकर डाला जाता था। इससे सीता ताल का अस्तित्व मिटने लगा था। सीएम योगी को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने अयोध्या के प्रशासन को सीता ताल को कूड़े से मुक्त करने का निर्देश दिया। योगी के इस निर्देश पर अयोध्या प्रशासन ने टेंडर निकाला। लखनऊ की एक निजी कंपनी को सीता ताल से कूड़ा हटाने का काम मिला है। यहां करीब 80000 मीट्रिक टन कूड़ा इकट्ठा है। जिसे हटाने के बाद सीता ताल को उसका पुराना स्वरूप मिल सकेगा। कूड़ा हटाने और सीता ताल का सुंदरीकरण करने में करीब 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

CM Yogi Adityanath

यहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भी लगाया गया है। जिससे कूड़े का निपटारा किया जाना है। अयोध्या म्युनिसिपैलिटी ने यहां जो ऑर्गेनिक कूड़ा है, उससे ईंधन बनाने की तैयारी भी की है। इस ईंधन को बेचने के लिए सीमेंट बनाने वाली कंपनियों से समझौते की बातचीत भी चल रही है। कूड़ें की सफाई के बाद सीता ताल के आसपास पौधे लगाए जाएंगे और सड़क बनाकर इसे टूरिस्ट स्पॉट का रूप दिया जाएगा।

ram mandir New model picture

सीता ताल और अयोध्या से होकर बहने वाली सरयू नदी के बीच भी संबंध है। सीता ताल से कूड़े का ढेर हटने से सरयू नदी का पानी भी साफ होगा। इसके अलावा शहर की सुंदरता को चार-चांद भी लगेंगे। रामलला के दर्शन के लिए यहां आने वाले श्रद्धालु सीता ताल की भी सैर कर सकेंगे।