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Omicron: PM मोदी की हाई लेवल बैठक के बाद गृह सचिव ने भी की बड़ी बैठक, जानिए क्या हुआ फैसला

Omicron: बैठक के दौरान ओमाइक्रोन वायरस के मद्देनजर समग्र वैश्विक स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई साथ ही विभिन्न निवारक उपायों की जगह और और मजबूत करने पर चर्चा की गई।

नई दिल्ली। बीते दिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना नए वेरिएंट Omicron पर बैठक हुई , जिसमें नए वेरिएंट के होने वाली संभावित दुश्वारियों पर विराम लगाने की दिशा में विचार विमर्श किया गया। बता दें कि इस बैठक में तमाम केंद्रीय मंत्रियों के इतर कई अधिकारी भी शामिल हुए। जिसमें कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा के साथ ही कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे। प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण शामिल हुए। इस बैठक के संदर्भ में अधिकारियों ने कहा कि उन जिन देशों में कोरोना के इन नए वैरिएंट़ के कहर के आशंक् व्यक्त की जा रही है , वहां पर तमाम आवाजाही पर वराम लागने  की दिशा में विचार विमर्श किया जाएगा।  कोरोना वायरस के इस नये स्वरूप के सामने आने के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, रूस और कई अन्य देशों के साथ यूरोपीय संघ ने अफ्रीकी देशों से लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में कई देशों के इंटरनेशनल फ्लाइट्स मसलनस दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर सख्ती बरतने की बात कही है। इसके अलावा एक दिन पहले ही नागर विमानन मंत्रालय ने करीब एक साल से ठप इंटरनेशनल उड़ान सेवा 15 दिसंबर से शुरू करने का ऐलान किया था।

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पीएम मोदी की इस बैठक के बाद आज चिंता के नए प्रकार ‘ओमाइक्रोन’ पर गृह सचिव की अध्यक्षता में आज सुबह 11.30 बजे तत्काल बैठक हुई। ये बैठक विभिन्न विशेषज्ञों, डॉ वी के पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, डॉ विजय राघवन, प्रधान मंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, और स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान ओमाइक्रोन वायरस के मद्देनजर समग्र वैश्विक स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई साथ ही विभिन्न निवारक उपायों की जगह और और मजबूत करने पर चर्चा की गई।


सरकार आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के परीक्षण और निगरानी पर मानक संचालन प्रक्रिया की समीक्षा करेगी, विशेष रूप से उन देशों के लिए जिन्हें ‘जोखिम में’ श्रेणी की पहचान की गई है। वेरिएंट के लिए जीनोमिक निगरानी को और मजबूत और तेज किया जाना है। हवाईअड्डा स्वास्थ्य अधिकारियों (एपीएचओ) और बंदरगाह स्वास्थ्य अधिकारियों (पीएचओ) को हवाई अड्डों/बंदरगाहों पर परीक्षण प्रोटोकॉल के सख्त पर्यवेक्षण के लिए संवेदनशील बनाया जाएगा। विकसित वैश्विक परिदृश्य के अनुसार, अनुसूचित वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय यात्री सेवा को फिर से शुरू करने की प्रभावी तिथि पर निर्णय की समीक्षा की जाएगी। देश के भीतर उभरती महामारी की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाएगी।