नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने तबलीगी जमात को नोवल कोरोनवायरस का फैक्ट्री कहा है। एक संयुक्त बयान में विहिप अध्यक्ष वी.एस. कोकजे, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और महासचिव मिलिंद परांदे ने कहा कि लोगों को मस्जिदों, मरकजों और मदरसों से बाहर लाने के बजाय केंद्र और राज्य सरकारों को उन्हें क्वारंटाइन करना चाहिए और वायरस को फैलने से रोकने की व्यवस्था करनी चाहिए।
विहिप ने कहा कि दिल्ली में तबलीगी जमात का कार्यक्रम राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के उद्देश्य को विफल कर सकता है। नेताओं ने कहा कि जब लॉकडाउन के दौरान सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया है, तब देश के मुस्लिम समुदाय को भी आगे बढ़ कर देश के सभी मस्जिदों को तब तक के लिए बंद कर देना चाहिए, जब तक की ये समस्या खत्म नहीं हो जाती है। उन्होंने मांग की है कि सरकार को उन मौलवियों को दिए गए वीजा को रद्द कर देना चाहिए जो भारत से विदेशों में पहुंचे थे और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।
इसके पहले विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने निजामुद्दीन मरकज की घटना को शर्मनाक और दुर्भाग्यजनक करार देते हुए आशंका जताईथी कि इस तरह की घटना से कोरोनावायरस के विरुद्ध पिछले दिनों के संघर्ष और लाकडाउन की उपलब्धियों पर पानी फिर सकता है।
विहिप के मुताबिक, केरल से कश्मीर तक इन मौलवियों द्वारा संक्रमण फैलाने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा लगता है कि अब निजामुद्दीन मरकज कोरोना नामक भूकंप का केन्द्र बन चुका है। विहिप ने ऐसी स्थिति में तथाकथित सेकुलर बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर सवाल किया है और सरकार से अपील की है कि वह अपने प्रभाव का उपयोग कर इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाए।