मुंबई। महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक उथल-पुथल के बाद यू-टर्न सिलसिला भी आरंभ हो गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख नेता अजित पवार को दो बागी विधायकों की शरद पवार के खेमे में वापसी के चलते झटका लग सकता है। अजित पवार के कट्टर समर्थक दिलीप मोहिते पाटिल ने सोमवार, 3 जुलाई को दावा किया कि अजित पवार ने विधायकों की जानकारी के बिना उनके हस्ताक्षर ले लिए थे, जिसका वे कड़ा विरोध करते हैं।
यह घटनाक्रम रविवार, 2 जुलाई को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुआ, जिसमें दिलीप मोहिते पाटिल ने भाग लिया था। इसके अलावा एनसीपी के एक और विधायक मकरंद पाटिल को बगावत के अगले ही दिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ देखा गया था। मकरंद पाटिल ने रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था और सोमवार को उन्हें शरद पवार की कार में बैठे देखा गया। जिसके बाद से ही उनके रुख को लेकर तमाम तरह से अटकलें लगाई जा रही थीं।
इस बगावत के जवाब में, एनसीपी ने बड़ी कार्रवाई की और निष्ठा की शपथ लेने वाले विधायकों को आज पार्टी से निष्कासित कर दिया। महाराष्ट्र में एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने जोर देकर कहा कि कोई भी व्यक्ति उचित अनुमति के बिना पार्टी के प्रतीक का उपयोग करने के लिए अधिकृत नहीं है और ऐसी किसी भी कार्रवाई से कानूनी रूप से निपटा जाएगा। एनसीपी के प्रमुख शरद पवार इस समय राज्य भर में व्यापक दौरे पर हैं।