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Ajit Doval: परमार्थ निकेतन पहुंचे अजीत डोभाल, स्वामी चिदानन्द सरस्वती से की मुलाकात

Ajit Doval: विजयादशमी (Vijayadashami) के पावन अवसर पर अजीत डोभाल (Ajit Doval) और उनकी पत्नी ने परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती (Swami Chidanand Saraswati) के आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल हुए।

ऋषिकेश। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) अपनी पत्नी के साथ निजी दौरे पर अपने गांव पहुंचे थे। जहां उन्होंने कुलदेवी की पूजा भी की। इसके बाद एनएसए डोभाल अपनी पत्नी के साथ पुस्तैनी घर देखने पहुंचे थे। घर के अवशेष देखकर उन्होंने गांव में पैतृक घर बनाने की बात कही। इसके बाद वो परमार्थ निकेतन पहुंचे। जिसके बाद उन्होनें परमार्थ निकेतन के पावन गंगा तट पर मां गंगा के दर्शन किए। रविवार को विजयादशमी (Vijayadashami) के पावन अवसर पर अजीत डोभाल और उनकी पत्नी ने परमार्थ निकेतन (Parmarth Niketan) के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती (Swami Chidanand Saraswati) के आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल हुए।

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परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में प्रतिदिन प्रातःकालीन प्रार्थना, हवन, नवरात्रि पर राष्ट्रगान नियमित रूप से होता है, जिसमें परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार, आश्रम में निवास करने वाले सभी सदस्य शामिल होते हैं। ये संदेश भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रसारित होता है, जो परिवारों और बच्चों में संस्कारों के रोपण के साथ तनाव निवारण भी करता है।

आज विश्व पोलियोे दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारत की जनता और सरकार को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाला राष्ट्र पोलियो मुक्त घोषित किया गया। वास्वत में यह कार्य सरकार की सतर्कता और जनता की जागरूकता की वजह से संभव हो पाया है। उन्होंने पोलियो मुक्त राष्ट्र बनाने में मदद करने वाले संगठनों और सभी संबंधित लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि पोलियो नन्हें बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन है। पोलियो उन्मूलन कर भारत ने वास्तव में बड़ी उपलब्धि हासिल की है और अब बारी है प्रदूषण मुक्ति की।

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आगे उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण पूरे विश्व के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, उन समस्याओं में एक बड़ी समस्या छोटे बच्चों के जीवन से संबंधित भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और ‘संयुक्त राष्ट्र बाल कोष’ की रिपोर्ट के अनुसार, एक वर्ष से कम आयु के लगभग 80 मिलियन बच्चों का जीवन खतरे में है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण खसरा, पोलियो और हैजा सहित अन्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण करने में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, खसरा, पोलियो, हैजा जैसे रोगों के उन्मूलन हेतु कई वर्षो से चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रमों में बाधा उत्पन्न होने से आने वाले दिनों में अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 65 से अधिक देशों में मार्च और अप्रैल के दौरान खसरा, पोलियो, हैजा जैसे रोगों के उन्मूलन हेतु टीकाकरण कार्यक्रमों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था या आंशिक रूप से चलाया जा रहा था।

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भारत में पोलियो का अंतिम मामला जनवरी 2011 को पश्चिम बंगाल में दर्ज किया गया था। यदि किसी देश में लगातार तीन वर्षों तक एक भी पोलियो का मामला नहीं आता, तो विश्व स्वास्थ्य संगठन उसे ‘पोलियो मुक्त देश’ घोषित कर देता है। इसे देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को वर्ष 2014 में ‘पोलियो मुक्त देश’ घोषित कर दिया। पोलियो या पोलियोमाइलाइटिस एक अपंगकारी और घातक संक्रामक बीमारी है। तीनों प्रकार के वाइल्ड पोलियो पक्षाघात और मृत्यु का कारण बन सकते हैं, लेकिन WHO द्वारा उन्मूलन के संदर्भ में वैरोलॉजिकल भिन्नताओं के कारण इन्हें अलग-अलग वर्गीकृत किया जाता है।