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UP: चुनाव से पहले ही अखिलेश यादव को बड़ा झटका, वादाखिलाफी बन सकती है कुर्मी वोट गंवाने की वजह

अपना दल (कमेरावादी) ने 29 जनवरी को बताया था कि उसके उम्मीदवार वाराणसी की पिंडरा और रोहनिया, जौनपुर की मड़ियाहूं, मिर्जापुर की मड़िहान, सोनभद्र की घोरावल, प्रतापगढ़ की सदर और प्रयागराज की पश्चिम सीट पर चुनाव लड़ेंगे।

लखनऊ। छोटी पार्टियों के सहारे यूपी चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतरे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर अब अपना दल (कमेरावादी) ने वादाखिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि अखिलेश ने जो सीटें देने की बात कही थी, वो सपा की ओर से नहीं दी जा रही हैं। दोनों दलों के नेताओं के बीच दो दौर की बातचीत के बाद भी मसला सुलझ नहीं सका है। ऐसे में अब ये लग रहा है कि सपा के गठबंधन से अपना दल (कमेरावादी) बाहर हो सकता है। अपना दल कमेरावादी ने इससे पहले कहा था कि सपा ने 7 सीटें देने का वादा किया है, लेकिन अब उसका कहना है कि सपा इतनी सीटें नहीं दे रही है। अपना दल (कमेरावादी) के वोटर मुख्य तौर पर कुर्मी हैं। ऐसे में गठबंधन टूटने पर अखिलेश को कुर्मी वोट से हाथ धोना पड़ सकता है।

krishna patel pallavi patel

बता दें कि अपना दल के दो धड़े हैं। सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी पत्नी कृष्णा और बड़ी बेटी पल्लवी पटेल का छोटी बेटी अनुप्रिया पटेल से विवाद हो गया। अनुप्रिया ने अपना दल को खुद का बता दिया। इसके बाद कृष्णा और पल्लवी ने अपना दल (कमेरावादी) बनाया। अनुप्रिया फिलहाल मोदी सरकार में मंत्री हैं। अपना दल (कमेरावादी) ने 29 जनवरी को बताया था कि उसके उम्मीदवार वाराणसी की पिंडरा और रोहनिया, जौनपुर की मड़ियाहूं, मिर्जापुर की मड़िहान, सोनभद्र की घोरावल, प्रतापगढ़ की सदर और प्रयागराज की पश्चिम सीट पर चुनाव लड़ेंगे। अचानक हुआ ये कि सपा ने प्रयागराज पश्चिम सीट पर अपना प्रत्याशी उतार दिया। इसके बाद ही उसके और अपना दल (कमेरावादी) के बीच ठन गई।

akhilesh yadav

अपना दल (कमेरावादी) के प्रदेश महासचिव गगन प्रकाश यादव ने मीडिया को बताया कि शनिवार को सपा की तरफ से एमएलसी उदयवीर सिंह ने उनकी पार्टी के महासचिव पंकज निरंजन से सीट बंटवारे पर बातचीत की, लेकिन उदयवीर अब वो सीटें नहीं देने की बात कर रहे हैं, जो अखिलेश यादव ने देने का वादा किया था। दरअसल, अपना दल (कमेरावादी) का जोर पूर्वांचल और बुंदेलखंड में ज्यादा है। वाराणसी और प्रयागराज में पार्टी के पास जनाधार भी अच्छा है। ऐसे में वो इसी इलाके की सीटों पर दावा कर रही थी। अगर अब गठबंधन टूटता है, तो इन इलाकों के कुर्मी वोटरों से सपा हाथ धो सकती है। गगन प्रकाश के मुताबिक अब भी हल निकल सकता है, लेकिन इसके लिए अखिलेश यादव को अपनी तरफ से पहल करनी होगी।