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UP: आज से बढ़ सकती है अखिलेश यादव की टेंशन, वजह बनने जा रहा पश्चिमी यूपी का ये कस्बा

शाह आज पश्चिमी यूपी के कैराना पहुंचेंगे और वहां से बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। कैराना वही जगह है, जहां 2017 के पहले हिंदुओं ने अपने घरों में बिकाऊ के बैनर लगाए थे और कई परिवार पलायन कर गए थे।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी यानी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव की आज से टेंशन बढ़ने के आसार हैं। वजह हैं गृहमंत्री अमित शाह। बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले शाह आज से यूपी के दौरों की शुरुआत करने जा रहे हैं। शाह आज पश्चिमी यूपी के कैराना पहुंचेंगे और वहां से बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। कैराना वही जगह है, जहां 2017 के पहले हिंदुओं ने अपने घरों में बिकाऊ के बैनर लगाए थे और कई परिवार पलायन कर गए थे। कैराना में शाह ऐसे परिवारों से मिलेंगे और इन्हीं के जरिए सपा को घेरे में लेंगे। बाद में वो बागपत और शामली भी जाएंगे। बता दें कि कैराना से बीजेपी ने मृगांका सिंह को टिकट दिया है। उनके पिता हुकुम सिंह ने ही हिंदू परिवारों के पलायन का मुद्दा जोर शोर से उठाया था।

Amit Shah and Akhilesh Yadav

बागपत और शामली में अमित शाह बीजेपी के उम्मीदवारों और नेताओं के साथ बातचीत कर रणनीति बनाएंगे। शाह को बीजेपी ने पश्चिमी यूपी का ही जिम्मा सौंपा है। यूपी में 10 फरवरी को पहले दौर की वोटिंग में 58 सीटों पर लोग अपने पसंदीदा कैंडिडेट चुनेंगे और ये सारी सीटें पश्चिमी यूपी की ही हैं। कैराना से अमित शाह के चुनावी मैदान में उतरने का साफ मतलब ये है कि मुद्दा भले ही ये 5 साल पुराना हो, लेकिन हिंदू परिवारों के पलायन को बीजेपी अब भी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। कैराना में अमित साह पहले मोहल्ला गुंबद जाएंगे। यहां वो 70 साल पुरानी दुकान साधु स्वीट्स पहुंचेंगे। साधु स्वीट्स के मालिक भी एक समुदाय के गुंडों से प्रताड़ित होकर कैराना से पलायन कर गए थे। बीजेपी सरकार बनने के बाद उन्हें वापस लाकर बसाया गया था।

सीएम योगी भी इससे पहले कैराना आकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर चुके हैं। योगी पिछले साल 8 नवंबर को कैराना आए थे और पलायन के बाद वापस लौटे परिवारों से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिलाया था। जाहिर सी बात है कि अमित शाह के आज से मैदान में उतरने से अखिलेश यादव को टेंशन होने वाली है। बीजेपी ने पहले ही सपा के कई उम्मीदवारों को गुंडा-बदमाश कहकर पश्चिमी यूपी में माहौल बनाने की कोशिश की है। यहां तक कि एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाकर इस वजह से सपा का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की अपील की थी। सपा ने इस पर कोर्ट में लिखकर दिया है कि जिस उम्मीदवार को उसने उतारा है, उससे अच्छा प्रत्याशी उसे मिल नहीं रहा था। कोर्ट का रुख इस बारे में क्या होता है, ये अभी देखना बाकी है।