पटना। कभी जो पक्के दोस्त नजर आते थे, वे अब दुश्मनों की तरह एक-दूसरे पर आए दिन हमला करते दिखते हैं। हम बात कर रहे हैं बिहार में उस गठबंधन की। जिसमें कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल RJD हैं। गठबंधन तो कब का खत्म हो चुका, लेकिन कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के बीच जुबानी जंग आए दिन छिड़ती है। इस बार इसकी वजह लालू के बेटे और आरजेडी के चीफ तेजस्वी यादव का एक बयान बना है। दरअसल, तेजस्वी ने कांग्रेस को नसीहत दे दी। इसे लेकर कांग्रेस के नेता सोशल मीडिया के जरिए मैदान में उतर आए और तेजस्वी पर बरस पड़े। इससे पहले भी उपचुनाव और एमएलसी चुनाव में सीट बंटवारे पर दोनों दलों के बीच घमासान मच चुका है।
कांग्रेस को आपकी सलाह की जरूरत नहीं है, अपनी नसीहत अपने पास रखें @yadavtejashwi जी।
कांग्रेस को क्या करना चाहिए यह सोचने के लिए कांग्रेस वाला ही काफी हैं। https://t.co/Y90iBfHzwa— Saral Patel (@SaralPatel) April 26, 2022
तेजस्वी की नसीहत पर कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के राष्ट्रीय संयोजक सरल पटेल ने ट्विटर पर लिखा कि तेजस्वी यादव जी, कांग्रेस को आपकी सलाह की जरूरत नहीं है। अपनी नसीहत अपने पास रखें। कांग्रेस को क्या करना चाहिए ये सोचने के लिए कांग्रेस वाले ही काफी हैं। सरल पटेल के इस बयान पर आरजेडी सोशल मीडिया के संयोजक आकाश ने कहा कि कांग्रेस को क्या करना चाहिए, ये सोचने में कांग्रेस इतनी सक्षम है कि वो चुनाव में नोटा से जंग लड़ रही है। आकाश ने तंज कसते हुए कहा कि ये अहंकार नोटा से भी कम पर ले आया है। बिहार या इस मुद्दे पर आप कुछ तय कर सकने की एक प्रतिशत हैसियत भी रखते हैं या बेवजह ज्ञान बांट रहे हैं ?
अब ये भी जान लीजिए कि कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं में चली बयानों की ये जंग आखिर तेजस्वी यादव के किस बयान पर लड़ी गई। तेजस्वी ने कहा था कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन को मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस को नसीहत दी थी कि वो उन 200 लोकसभा सीटों पर अपना ध्यान लगाए, जहां उसका सीधा मुकाबला बीजेपी से है। तेजस्वी के इसी बयान ने बिहार से लेकर दिल्ली तक के कांग्रेस नेताओं को भड़का दिया।