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Election: पश्चिमी यूपी में बीजेपी के लिए माहौल बनाने की तैयारी, जाट नेताओं से आज बात करेंगे शाह

पश्चिमी यूपी के 26 में से 18 जिलों में जाट बिरादरी का ज्यादा असर है और वे इन जिलों की विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं। पश्चिमी यूपी में 17 फीसदी जाट वोटर हैं। बाकी वोट प्रतिशत में मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं। सपा और आरएलडी ने यहां मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर इस समुदाय के वोट लेने की तैयारी की है।

लखनऊ। पश्चिमी यूपी में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए यूपी के सभी राजनीतिक दलों में होड़ मची है। कहा जाता है कि जो पश्चिमी यूपी जीत लेता है, वही लखनऊ से राज करता है। ऐसे में बीजेपी के पश्चिमी यूपी प्रभारी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज इस इलाके में प्रभुत्व रखने वाले जाट समुदाय को साधने की कोशिश करने जा रहे हैं। शाह आज जाट बिरादरी के 253 नेताओं के साथ बैठक कर बीजेपी के लिए समुदाय का वोट मांगेंगे। बता दें कि किसान आंदोलन में जाट समुदाय की काफी भागीदारी रही थी। ऐसे में पहले दौर की वोटिंग से पहले उनका गुस्सा शांत करने की कोशिश बीजेपी कर रही है।

बता दें कि पश्चिमी यूपी के 26 में से 18 जिलों में जाट बिरादरी का ज्यादा असर है और वे इन जिलों की विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं। पश्चिमी यूपी में 17 फीसदी जाट वोटर हैं। बाकी वोट प्रतिशत में मुस्लिम वोटर ज्यादा हैं। सपा और आरएलडी ने यहां मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर इस समुदाय के वोट लेने की तैयारी की है। इस इलाके के मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे। जिसके बाद जाट और मुस्लिमों में एक दूरी बनी थी। साल 2017 के चुनाव में जाटों ने इस वजह से बीजेपी को वोट दिया था, लेकिन कृषि कानूनों की वजह से इस बार बीजेपी के प्रति उनकी नाराजगी बन गई।

BJP MP Sanjeev Balyan met BKU president Naresh Tikait

बीते विधानसभा चुनाव से पहले जाटों ने आरक्षण के लिए आंदोलन भी चलाया था। उस वक्त अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री रहे चौधरी बीरेंद्र सिंह के घर जाट नेताओं के साथ बैठक कर बीजेपी के लिए उनके वोट सुनिश्चित किए थे। आज की बैठक भी अहम है और सबकी नजर इस पर टिकी है कि अमित शाह इस बार भी जाटों को बीजेपी के पाले में खींचने में सफल होते हैं या नहीं। अमित शाह इसके अलावा बीजेपी के पश्चिमी यूपी में चुनाव के प्रभारी भी बनाए गए हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि वो चुनाव प्रचार खत्म होने तक इस इलाके में डेरा डालने वाले हैं। कैराना और मेरठ में शाह ने चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी और घर-घर जाकर बीजेपी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे थे। उन्होंने कैराना से हिंदू परिवारों के पलायन का मुद्दा भी उठाया था और सपा की तत्कालीन सरकार को घेरा था।