नई दिल्ली। दक्षिण भारत के तमिलनाडु में भगवान की तरह पूजी जाने वाली जयललिता एक वक्त तमिल फिल्म इंडस्ट्री की सुपर स्टार रहीं थीं। राजनीति में एंट्री करने से पहले उन्होंने 300 से ज़्यादा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ फिल्मों में काम किया था। इसके अलावा जयललिता ने बॉलीवुड में धर्मेंद्र के साथ भी एक फिल्म में काम किया था। आज जयललिता की 74वी जयंती है। 24 फरवरी, 1948 को कर्नाटक के मेलुरकोट गांव के एक तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मीं जयललिता 1991 से 1996 के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहीं। अपने शासन के दौरान उन्होंने लोगों को सस्ता खाना उपलब्ध कराने के लिए अम्मा कैंटीन, और अन्य सस्ते दाम पर सामान उपलब्ध कराने के लिए अम्मा मिनरल वॉटर, अम्मा सब्जी की दुकान, अम्मा फार्मेसी यहां तक कि अम्मा सीमेंट आदि की शुरुआत की। हालांकि इस दौरान उन पर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप लगे, जिसकी वजह से करूणानिधि की डीएमके ने 1996 में जीत हासिल की। कहा जाता है कि करूणानिधि के सत्ता में आने के बाद जयललिता पर छापे पड़े, जिसमें 750 जोड़े सैंडल, 800 किलो सिल्वर, 28 किलो सोना, साढ़े दस हजार साड़ी, 91 घड़ियां, 44 एसी और 19 कारें बरामद हुई थीं।
इसी के बाद जयललिता पर आय से अधिक संम्पत्ति का आरोप भी लगा था, जिसके लिए बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी भी कर दिया था। इसके अलावा जयललिता के दत्तक पुत्र वी सुधाकरण की शाही तरीके से शादी करने को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी। इस शादी पर करोड़ों रुपये के खर्च होने की बात सामने आई थी। इस शादी ने गिनीज बुक में दो रिकॉर्ड बनाए थे जिसमें से एक शादी में सबसे ज्यादा मेहमान शामिल हुए थे और दूसरा इस शादी के लिए सबसे बड़ा पंडाल सजाया गया था। नवंबर 2011 में जयललिता ने स्पेशल कोर्ट में सफाई दी थी कि शादी में कुल 6 करोड़ रुपए खर्च हुए थे जो दुल्हन के परिवार ने दिए थे। जयललिता के अनुसार सारे आरोप करूणानिधि द्वारा लगाए गए थे। इसके बाद जब वो साल 2001 में दोबारा मुख्यमंत्री बनीं तो सबसे पहले उनका गुस्सा करूणानिधि और उनके परिवार पर फूटा। 30 जून 2001 में फ्लाईओवर घोटाले का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री टीआर बालू और मुरासोली मारन और करुणानिधि को आधी रात को हिरासत में लिया गया था, जिसके लिए जयललिता की काफी आलोचना भी हुई थी।
जयललिता ने काफी सख्ती से सरकार चलाई। 2001 में सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल करने पर उन्होंने एक साथ दो लाख कर्मचारियों को बर्रख़ास्त कर देश में हलचल मचा दी थी। विवादों ने जयललिता का पीछा कभी नहीं छोड़ा। दूसरी बार उन्हें सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा और उन्हें मुख्यमंत्री पद त्यागना पड़ा। इसी दौर में उनकी बीजेपी और एनडीए के साथ करीबी बढ़ी और 1999 में उन्होंने अटल बिहारी वाजेपयी सरकार का समर्थन किया, लेकिन इस समय तक तमिलनाडु में जयललिता की छवि को अच्छा-खासा नुकसान पहुंच चुका था। जयललिता के जिद्दी स्वभाव और चुनाव गठबंधन ना करने की वजह से साल 2004 से लगातार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। आखिरकार, 2009 के लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद जयललिता ने गठबंधन के सहयोगियों की तलाश की और साल 2011 विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की। इसी दौरान जयललिता के विरूद्ध रची जा रही एक और साजिश का मामला सामने आया, जिसमें उन्होंने अपने करीबी दोस्त शशिकला पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो 25 साल से न केवल उन्हें बेदखल करने की बल्कि उन्हें मारने की भी साजिश रच रही थीं।
कहा जाता है कि 25 सालों से शशिकला अपने कई रिश्तेदारों के साथ जयललिता के घर पर रह रहीं थीं, लेकिन इस बात का पता लगने के बाद से 17 दिसम्बर 2011 को जयललिता ने शशिकला 40 से ज्यादा नौकरों और उनके रिश्तेदारों को घर से निकाल दिया। शशिकला और उसके परिवार पर जमीन पर कब्जा करने के आरोप भी लगाए गए थे। ये किस्सा भी मशहूर है कि अम्मा के नाम से जानी जाने वाली जयललिता को अपनी आलोचना पसंद नहीं थी। उनके कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें भगवान की तरह पूजते थे, जो उन्हें अच्छा लगता था। लेकिन 5 दिसम्बर 2016 को रात 11:30 बजे तमिलनाडु की जनता के दिलों पर राज करने वाली जयललिता का निधन हो गया, जिससे तमिलनाडु में मातम छा गया। उनकी शव-यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए और उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी।