नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कोयला को क्षेत्र निजी क्षेत्र के लिए खोलने का एलान करते हुए कहा कि कोयले की कमर्शियल माइनिंग की जाएगी और कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें भी निजी क्षेत्र को दी जाएंगी। इससे कोयला क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोयले का खनन बढ़ाने के लिए 50 नये कोल ब्लॉक की नीलामी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोयला उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उपाय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोयला का आयात घटाने की कोशिश की जाएगी। कोयला खनन को बढ़ा देने के लिए बुनियादी संचरना के विकास के लिए सरकार 50000 रुपये खर्च करेगी।
अहम बातें-
वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों को मौका दिया जाएगा। इसरो (ISRO) की सुविधाओें का प्रयोग भी निजी कंपनियां कर पाएंगी। रिसर्च रिएक्टर पीपीपी मॉडल में स्थापित किया जाएगा। जिनसे कैंसर जैसे रोगों के उपचार में मदद मिलेगी।
Boosting private participation in Space activities: Govt. to provide predictable policy and regulatory environment to private players#AatmaNirbharEconomy in Space Sector pic.twitter.com/JnOLwn2nut
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली कंपनियों का निजीकरण होगा। इससे विद्युत उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि 6 एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यह काम करेगी। समय की कीमत है और समय बचाने के लिए काम करना होगा। भारतीय नागरिक विमानों को लंबे रास्ते लेने पड़ते हैं। इसे सुगम बनाया जाएगा। दो महीने के अंदर यह काम किया जाएगा। इससे विमानन क्षेत्र को 1 हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा। एयर फ्यूल भी बचेगा और पर्यावरण भी बचेगा।
#AatmaNirbharEconomy in Civil Aviation Sector:#India to become a global hub for Aircraft Maintenance, Repair and Overhaul (#MRO) pic.twitter.com/QaZ5LtAofL
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वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ऐसे हथियार, वस्तुओं, स्पेयर्स को नोटिफाइ करेगी जिसमें आयात को बैन किया जाएगा और उनकी स्वदेशी आपूर्ति की जाएगी।ऑर्डिनंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा। प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा। रक्षा उत्पादन में एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की गई है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मिनरल्स में सुधार अन्वेषण से लेकर उत्पादन तक निर्बाध प्रक्रिया, ज्वाइंट ऑक्शन होगा , इसके अलावा कैप्टिव और नॉन कैप्टिव माइंस की परिभाषा बदलेगी। एक मिनरल इंडेक्स बनेगा। 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी।
Enhancing Private Investments in the Mineral Sector: Structural reforms to boost growth, employment and bring state-of-the-art technology: #AatmaNirbharEconomy pic.twitter.com/reHV5Xf0ri
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वित्तमंत्री ने कहा, कोयला क्षेत्र में सरकारी एकाधिकार खत्म होगा, अब कमर्शियल माइनिंग भी होगी। आने वाला समय में लगभग 50 नए ब्लॉक्स खनन के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। उनकों अपफ्रंट पेमेंट करनी होगी।
Govt. brings Policy Reforms in Coal Sector:
✅ Introduction of Commercial Mining in Coal Sector
✅Investment of Rs 50,000 crores
✅Liberalised Regime in Coal Sector #AatmaNirbharEconomy (2/2) pic.twitter.com/ezqYw67O4z— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 16, 2020
वित्त मंत्री ने कहा कि इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए लैंड बैंक, क्लस्टर की पहचान की गई है। अब टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए जीआईएस मैपिंग के द्वारा 5 लाख हेक्टेयर जमीन भविष्य के इस्तेमाल के लिए सभी इंडस्ट्रियल पार्क की रैकिंग होगी।
Scheme will be implemented in States through Challenge mode for Industrial Cluster Upgradation of common infrastructure facilities and connectivity: #AatmaNirbharEconomy pic.twitter.com/VmZe7m93pD
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वित्त मंत्री ने कहा कि आज का पैकेज संरचनात्मक सुधारों पर आधारित होगा। निर्मला सीतारमण ने डीबीटी, जीएसटी, आईबीसी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, पब्लिक सेक्टर बैंकों के सुधार, डायरेक्ट टैक्स में सुधार, पावर सेक्टर में सुधार, सिंचाई, कोल सेक्टर जैसी उपलब्ध्यिों की याद दिलाई पॉलिसी सुधार फास्ट ट्रैक इनवेस्टमेंट के लिए मेक इन इंडिया ने लोगों की सोच को बदला है। यह आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद बना है।
निर्मला सीतारमण ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयारी रहना चाहिए।जब हम #AatmaNirbharBharat की बात करते हैं, तो हम इसके अंदर नहीं देख रहे,यह अलगाववादी नीति नहीं है,इसमें भारत को अपनी ताकत पर भरोसा करना है, वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना है।