अमृतसर। पंजाब के अजनाला थाने में सैकडों समर्थकों के साथ घुसकर हंगामा करने वाले वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने एक बार फिर खालिस्तान को अपनी मंजिल बताया है। एबीपी न्यूज से बातचीत में अमृतपाल सिंह ने कहा है कि उसका अल्टीमेट गोल खालिस्तान है। खालिस्तान मंजिल है और रास्ते में संघर्ष है। उसने कहा है कि खालिस्तान ही हर समस्या का एक मात्र समाधान है। अमृतपाल सिंह ने खुद पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट होने के लग रहे आरोपों पर कहा है कि ये नया प्रोपेगेंडा नहीं है। अमृतपाल सिंह का कहना है कि जो भी धर्म की बात करता है, उसे आईएसआई का बताया जाता है। उसने ये भी कहा कि वो सिख धर्म का नौकर है। इससे ज्यादा कोई पद उसे नहीं चाहिए।
इस बीच, मीडिया की रिपोर्ट्स हैं कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियां अब अमृतपाल सिंह की कुंडली तैयार कर रही हैं। अमृतपाल सिंह पहले दुबई में रहता था। वहां से करीब 6 महीने पहले ही भारत लौटा है। उसके साथ हथियारबंद समर्थकों की बड़ी संख्या है। अमृतपाल सिंह और उसके हथियारबंद साथी बीते दिनों अपने एक सहयोगी को रिहा कराने के लिए अजनाला थाने में घुस गए थे। इसी घटना के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने अब अमृतपाल के बारे में हर जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सूत्रों के हिसाब से विदेश में बसे 100 से ज्यादा लोगों से वो संपर्क में है। कयास इसके लग रहे हैं कि अमृतपाल के खिलाफ अब कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
अमृतपाल अमृतसर के पास जल्लूपुर खेड़ा गांव का निवासी है। उसके घर पर हथियारबंद समर्थकों का सख्त पहरा है। मीडिया की खबरों के मुताबिक इन समर्थकों के पास जो हथियार हैं, उनके बारे में भी केंद्रीय एजेंसियां पता कर रही हैं। कुल मिलाकर जिस तरह 80 के दशक के खालिस्तानी आतंकियों के सरगना जरनैल सिंह भिंडरावाले जैसा तौर-तरीका अमृतपाल अपना रहा है, उससे सत्ता प्रतिष्ठान काफी गंभीर हो गया है। हालांकि, अमृतपाल सिंह लगातार कहता है कि उसे हिंसा से परहेज है, लेकिन पंजाब में पहले जो कुछ भी भिंडरावाले के दौर में हुआ, उसकी वजह से केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियां काफी चौकसी बरत रही हैं।