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Hijab Row: बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की मौत के बाद शिवमोगा में तनाव, अंतिम संस्कार के दौरान भी हिंसा

पेशे से दर्जी हर्षा ने फेसबुक पर हिजाब के खिलाफ पोस्ट लिखी थी। इस मामले में अब तक 3 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और 2 की तलाश चल रही है। हर्षा की मौत के बाद कल बजरंग दल के उग्र कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला था।

शिवमोगा। कर्नाटक के शिवमोगा में हिंसा की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगाया गया है। यहां बीते रविवार की रात बजरंग दल के कार्यकर्ता रहे हर्षा की 5 लोगों ने चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। पेशे से दर्जी हर्षा ने फेसबुक पर हिजाब के खिलाफ पोस्ट लिखी थी। इस मामले में अब तक 3 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और 2 की तलाश चल रही है। हर्षा की मौत के बाद कल बजरंग दल के उग्र कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला था। उस दौरान गाड़ियों में आगजनी और दुकानों पर पथराव हुआ था। इसके बाद शाम को हर्षा की शवयात्रा के दौरान भी पथराव हुआ।

हर्षा की शवयात्रा के दौरान हिंसा कर रहे लोगों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को कई जगह आंसूगैस के गोले दागने पड़े। शहर में धारा 144 लागू करनी पड़ी है और स्कूल-कॉलेजों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है। इस घटना के बाद तनाव चरम पर है। हर्षा के परिजनों का कहना है कि उसने कुछ दिन पहले ही बजरंग दल छोड़ दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या करने वाले को 10 लाख रुपए का इनाम देने का एलान किया गया था और नतीजे में ये घटना हुई है। बता दें कि एक मुस्लिम संगठन ने साल 2015 में भी हर्षा से निपट लेने की सार्वजनिक तौर पर धमकी दी थी।

hijab row

उधर, इस मामले में सियासत तेज हो गई है। कर्नाटक सरकार में मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने आरोप लगाया है कि हर्षा की हत्या मुस्लिम गुंडों ने की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने हर्षा की हत्या के लिए उकसाया था। जबकि, बीजेपी के नेता बीएल संतोष का कहना है कि हर्षा की हत्या हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने की वजह से हुई है। वहीं, शिवकुमार ने कहा है कि बीजेपी धर्म के नाम पर दंगा करा रही है। उन्होंने मांग की कि ईश्वरप्पा पर तुरंत केस दर्ज होना चाहिए। बता दें कि इस साल जनवरी में कर्नाटक के उडुपी से हिजाब विवाद शुरू हुआ था। जब 6 छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज गई थीं और उन्हें घुसने नहीं दिया गया था।