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Assam’s new cattle Bill: मंदिर के 5 Km के दायरे में लगाई बीफ बिक्री पर रोक, असम सरकार ने पेश किया विधेयक

Assam’s Cattle Bill: मुख्यमंत्री सरमा द्वारा पेश किए गए नए विधेयक के अनुसार “नये कानून के जरिए मवेशियों के वध की उन क्षेत्रों में अनुमति नहीं दी जाएगी जहां मुख्य रूप से हिंदू, जैन, सिख रहते हैं, इस लिस्ट में बीफ नहीं खाने वाले समुदाय भी शामिल किए गए हैं।

नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने राज्य की विधानसभा में एक विधेयक पेश किया है। जिसमें सरकार ने राज्य में मवेशियों की ब्रिकी के लिए नए नियम बनाए हैं। सरकार ने यह नियम राज्य के हिंदू, जैन और सिख समुदाय के बहुसंख्यक इलाकों के लिए बनाया है। इस विधेयक में उचित दस्तावेज के अभाव में मवेशियों के एक जिले से दूसरे जिले और असम के बाहर परिवहन को भी अवैध बनाने का प्रस्ताव है। यदि फिर भी कोई ऐसा काम करता है तो नए प्रस्तावित कानून के अनुसार असम मवेशी संरक्षण विधेयक 2021 के तहत अपराध माना जाएगा, जोकि गैर-जमानती होंगे।

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क्या है नया विधेयक

मुख्यमंत्री सरमा द्वारा पेश किए गए नए विधेयक के अनुसार ,”नये कानून के जरिए मवेशियों के वध की उन क्षेत्रों में अनुमति नहीं दी जाएगी जहां मुख्य रूप से हिंदू, जैन, सिख रहते हैं, इस लिस्ट में बीफ नहीं खाने वाले समुदाय भी शामिल किए गए हैं। कहा गया है कि वे स्थान किसी मंदिर और अधिकारियों द्वारा निर्धारित किसी अन्य संस्था के पांच किलोमीटर के दायरे में आते हैं वहां बीफ नहीं बेचा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ धार्मिक अवसरों पर इस कानून में ढील दी जा सकती है।

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यह कानून बनाने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि नया कानून बनाने के साथ असम के पहले मवेशी संरक्षण अधिनियम, 1950 को निरस्त करने की आवश्यकता थी। जिसमें मवेशियों के वध, उपभोग और परिवहन को विनियमित करने के लिए पर्याप्त कानूनी प्रावधानों का अभाव था।

यह अधिनियमित होने के बाद कानून किसी व्यक्ति को मवेशियों का वध करने की अनुमति नहीं देगा। जब तक कि उसने किसी विशेष क्षेत्र के पंजीकृत पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी आवश्यक प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया हो।

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मान्यता प्राप्त बूचड़खानों में ही कटेंगे मवेशी

नए विधेयक के अनुसार पशु चिकित्सा अधिकारी केवल तभी प्रमाण पत्र जारी करेगा जब उसकी राय में मवेशी, जो कि गाय नहीं है और उसकी आयु 14 वर्ष से ज्यादा हो। किसी गाय, बछिया या बछड़े का तभी वध किया जा सकता है जब वह स्थायी रूप से अपाहिज हो। नए नियम के अनुसार उचित रूप से लाइसेंस प्राप्त या मान्यता प्राप्त बूचड़खानों में ही मवेशियों को काटने की अनुमति दी जाएगी। यदि अधिकारियों को वैध दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं तो नया कानून राज्य के भीतर या बाहर गोवंश के परिवहन पर रोक लगाएगा।

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नियम तोड़ने पर होगी कैद लगेगा जुर्माना

सरकार के नए नियम के अनुसार पंजीकृत बाजारों में मवेशियों के परिवहन के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को कम से कम तीन साल की कैद या 3 लाख से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा दिए जाने का प्रावधान है। इस नए कानून के तहत अगर कोई दोषी दूसरी बार उसी या संबंधित अपराध को दोहराता है तो उसकी सजा दोगुनी हो जाएगी।