नई दिल्ली। दिल्ली में किसान कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का प्रदर्शन जारी है। रविवार को इस आंदोलन को 88वां दिन हो गया है। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ बैठक की है। इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि, “आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई किसान नेता कृषि क़ानूनों को लेकर दिल्ली विधानसभा के प्रांगण में चर्चा करने आए थे। केंद्र सरकार कहती आई है कि इन क़ानूनों से किसानों को फायदा होगा लेकिन अब तक वह जनता को एक भी फायदा बताने में नाकाम रहे हैं।” केजरीवाल ने कहा कि, “ये तीन कृषि क़ानून किसानों के लिए डेथ वारंट है। इन क़ानूनों से किसानों की किसानी कुछ पूंजीपतियों के हाथों में चली जाएगी और हमारा किसान अपने खेत में मजदूर बनने के लिए बेबस हो जाएगा। आज सब लोगों ने फिर से केंद्र सरकार से मांग की है कि इन क़ानूनों को वापस लिया जाए।”
वहीं किसानों के साथ हुई इस बैठक को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि, 28 फरवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मेरठ में महापंचायत को संबोधित करेंगे। इसी सिलसिले में किसान नेताओं से बैठक की गई और आगे रणनीति पर चर्चा होगी। उनका कहना है कि आज बैठक में मुख्य तौर पर पश्चिमी उत्तरप्रदेश के किसान शामिल हो रहे हैं।
बता दें कि आज हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश की कई खाप पंचायतों के नेता शामिल हो रहे हैं। जिसमें यश पाल चौधरी, सुभाष चौधरी, रोहित जाखड (जाट महासभा), ब्रज वीर सिंह (अहलावत खाप), राकेश सहरावत (सहरावत खाप), ब्रज पाल चौधरी, ओमपाल सिंह (काकरान खाप), बिल्लु प्रमुख (गुलिया खाप), ऊधम सिंह, किसान नेता कुलदीप त्यागी और पूरण सिंह भी शामिल हो रहे हैं।