नई दिल्ली। ये क्या हो रहा है? क्यों हो रहे हैं? कैसे हो रहा है और सबसे अहम सवाल कि आखिर इन सबका जिम्मेदार कौन है? यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जो राजस्थान की सियासी गलियारों में गहलोत सरकार के खिलाफ पूछे जा रहे हैं, लेकिन शायद आपको यह जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए इन सवालों के जवाब देने की स्थिति में वहां के मुख्यमंत्री नहीं दिख रहे हैं। केंद्र सरकार की आलोचना करने में जिन अशोक गहलोत की बेबाकी अपने चरम पर पहुंच जाती थी, आज वही गहलोत खामोश हैं। केंद्र सरकार सरकार के खिलाफ जिन गहलोत के सियासी साथी केंद्र से लेकर राजस्थान तक तहलका मचा देते हैं, आज वही सियासी सूरमा अपने राज्य में अपराधियों के दंगल को देखकर पता नहीं क्यों खामोश हैं? आखिर उनकी इस खामोशी के पीछे की वजह क्या है? यह तो फिलहाल अब वही बता सकते हैं, लेकिन उनकी इस खामोशी का खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। सूबे का आलम ऐसा है कि आम जनता का सड़क पर चलना मुहाल हो चुका है।
हालांकि, सरकार प्रदेश में इन आपराधिक गतिविधियों पर विराम लगाने की दिशा में पूरी कोशिश करने के दावे करती है, लेकिन धरातल पर स्थिति दुरूस्त होती नजर नहीं आ रही है। अभी ताजा मामला राजस्थान की राजधानी जयपुर से सामने आया है, जहां जालौर की पूर्व विधायक पर कुछ असामाजिक तत्वों के लोगों ने हमला कर दिया, जिससे उनके कान पर काफी चोट आई है, जिसके बाद उन्हें फौरन उपचार के लिए समीप के अस्पताल में रेफर किया गया है, जहां उपचार के बाद अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
बेशक, उन्हें थोड़े जख्म आए हैं, लेकिन ये तो गुजरते वक्त के साथ दुरूस्त हो ही जाएंगे, मगर इस बीच जो सवाल प्रदेश सरकार से पूछना लाजिमी रहेगा, वह यह है कि आखिर इस तरह के हमलों का सामना प्रदेश की जनता व वहां के जनप्रतिनिधियों को कब तक करना पड़ेगा।
राज्य में महिला असुरक्षित ….ट्रांसपोर्ट नगर फ़्लाई ओवर जयपुर में अज्ञात असमाजिक तत्व द्वारा जालोर की पूर्व अमृता मेघवाल पर हमला पुलिस स्टेशन पहुँच कर मामला दर्ज करवाया हे। आखिर हो क्या रहा है @ashokgehlot51 सरकार में लगातार जनप्रतिनिधियों पर हमला ? राज्य में असुरक्षा का माहौल pic.twitter.com/z8xwat9hgV
— Adv.Mahendra Meghwal (@AdvMeghwal) November 6, 2021
राज्य कांग्रेस सरकार कानून व्यवस्था को लेकर बिल्कुल भी सजग नहीं है, जालोर की पूर्व विधायक अमृता मेघवाल पर बेखौफ बदमाशों द्वारा हमला करने की घटना राज्य की लचर कानून व्यवस्था का जीता-जागता प्रमाण है।https://t.co/FR6rvWoLp3
— Diya Kumari (@KumariDiya) November 7, 2021
आखिर कब तक प्रदेश की जनता खौफजदा जिदंगी जीने को मजबूर रहेगी। यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जो कि गहलोत सरकार से पूछे जा रहे हैं, लेकिन सीएम गहलोत या उनकी सरकार का कोई भी नुमाइंदों इन सवालों का जवाब देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं। ऐसे में अगर कोई पिस रही प्रदेश की जनता। ऐसे में अगर कोई पिस रही है, तो वो प्रदेश की आम जनता। ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिर पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, क्या..!
नहीं…नहीं… ऐसा बिल्कुल भी नहीं है… पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन कार्रवाई के नाम सिर्फ और सिर्फ एफआईआर ही दर्ज किया जाता… और एफआईआर के बाद की सारी गतिविधियां, तो भगवान भरोसे ही रहती है। लेकिन, अब देखना होगा कि कंभुकर्ण की निंद्रा में सो रही राजस्थान की गहलोत सरकार आखिर इसी मुद्रा में ही रहती है या कुछ और कदम भी उठाती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।