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Good News: क्या आपको पता है बाजार में आनेवाली है कोरोना की आयुर्वेदिक वैक्सीन!

Covid Vaccine: आईआईटी पूर्व-छत्र परिषद के अध्यक्ष रवि शर्मा ने एक एंजेसी से बात करते हुए बताया कि मुंबई की मेगालैब को परिषद ने पिछले वर्ष अप्रैल में स्थापित किया गया था ताकि कोरोना महामारी का सामना करने के उपायों और धन की व्यवस्था की जा सके। 

नई दिल्ली। देश में कोराना महामारी का कहर जारी है। कोरोना की दूसरी लहर से हर जगह त्राहिमाम मचा हुआ है। हालांकि कोरोना के दैनिक मामलों में अब गिरावट देखने को मिल रही है। भारत में शुक्रवार को कोरोना के 3,43,144 नए मामले सामने आए है। इस दौरान 4,000 लोगों की मौत हुई। इसकी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दी। कोरोना संकट के बीच अब वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। खबरों के मुताबिक, जल्द ही बाजार में कोरोना की आयुर्वेदिक वैक्सीन आ सकती है। दरअसल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) के पूर्व छात्र/छात्राओं की परिषद द्वारा स्थापित मेगालैब ने आयुर्वेद कोविड19-वैक्सीन विकसित करने के लिए 300 करोड़ रुपये का शुरुआती कोष जुटाया है। उसका कहना है कि यह वैक्सीन दो खुराक में दी जाएगी और इससे पहली खुराक के कुछ दिनों के भीतर संक्रमण के प्रतिरोध की क्षमता पैदा हो सकती है।

Coronavirus

आईआईटी पूर्व-छत्र परिषद के अध्यक्ष रवि शर्मा ने एक एंजेसी से बात करते हुए बताया कि मुंबई की मेगालैब को परिषद ने पिछले वर्ष अप्रैल में स्थापित किया गया था ताकि कोरोना महामारी का सामना करने के उपायों और धन की व्यवस्था की जा सके। मेगालैब पश्चिमी जगत में उपलब्ध वैक्सीनों का आयात भी कर रही है। उन्हें मुंबई और बाद में अन्य जगहों पर वितरित किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि 300 करोड़ रुपये की सीड (प्रारंभिक पूंजी) सोसल फंड के पास जमा पूंजीका हिस्सा है, जो परिषद की वित्तपोषण शाखा है। परिषद ने महामारी की पहली लहर के चरम के समय पिछले साल अप्रैल में 21,000 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाने की योजना घोषित की थी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टीका छह महीनों में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।

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उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टीका पहला एंटीजन-मुक्त, नया वैक्सीन है जो और स्थानीय रूप से निर्मित किया जाएगा। जिसके लिए चर्चा पहले से ही दवा कंपनियों के साथ चल रही है और यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। शर्मा ने कहा कि अंतिम लक्ष्य, एक निरंतर उन्नत किये जाने योग्य वैक्सीन लाना है जो वायरस को हरा सकता है और इस प्रकार महामारी को खत्म करने में मदद कर सकता है। आयातित टीकों की शुरुआत में एक अमेरिकी समकक्ष मूल्य बिंदु पर कीमत होगी ।