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Ballia: बलिया गोलीकांड का मुख्य आरोपी लखनऊ में STF के हत्थे चढ़ा, था 50 हजार का इनाम

Ballia Shootout: बलिया(Ballia) जिले की ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों का आवंटन होना था। इसके लिए गुरुवार को पंचायत भवन(Panchayat Bhawan) में दोपहर को खुली बैठक का आयोजन किया गया था।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बलिया में हुए गोलीकांड का मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को यूपी पुलिस के एसटीएफ (STF) ने राजधानी लखनऊ से धर दबोचा है। धीरेंद्र प्रताप सिंह पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। बता दें कि इनामी धीरेंद्र सिंह कई दिनों से पुलिस को चकमा दे रहा था, जिससे यूपी पुलिस की काफी किरकिरी हो रही थी। फिलहाल रविवार को एसटीएफ ने लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क के पास से धीरेंद्र को उठाया है। बता दें कि बलिया (Ballia) में कोटे की दुकान के आवंटन को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बुलाई गई खुली बैठक में एक शख्स की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने अबतक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से चार नामजद हैं और पांच अन्य शामिल है। इस मामले में पुलिस ने दो नामजद अभियुक्त और 50-50 हजार के इनामी संतोष यादव और अमरजीत यादव को भी गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही मुख्य आरोपी समेत छह लोगों के खिलाफ रासुका और गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई की है।

dhirendra pratap singh ballia

क्या है पूरा मामला

बलिया जिले की ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों का आवंटन होना था। इसके लिए गुरुवार को पंचायत भवन में दोपहर को खुली बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह और बीडीओ बैरिया गजेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही रेवती थाने की पुलिस फोर्स मौजूद भी थी। दुकानों के आवंटन के लिए चार स्वयं सहायता समूहों ने आवेदन किया, जिसमे दो समूहों मां सायर जगदंबा स्वयं सहायता समूह और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के बीच मतदान कराने का फैसला लिया गया।

Ballia Case

अधिकारियों ने कहा कि जिसके पास आधार अथवा अन्य कोई पहचान पत्र होगा, उसे ही वोटिंग करने का अधिकार होगा। ऐसे में एक पक्ष के पास आधार व पहचान पत्र तो मौजूद था, लेकिन दूसरे पक्ष के पास कोई पहचान पत्र के तौर पर कोई आईडी प्रूफ नहीं था। इसी को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। मामला बिगड़ता देख बैठक की कार्रवाई को स्थगित कर अधिकारी चले गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि धीरेंद्र ने अपनी पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें जयप्रकाश उर्फ गामा पाल की गोली लगने से मौत हो गई।