नई दिल्ली। चीन के बहकावे में आकर नेपाल ने भारत को आंख दिखाने की कोशिश जरूर की है लेकिन भारत के मजबूत इरादों के सामने नेपाल की एक नहीं चल पा रही है। आपको बता दें कि मंगलवार को बिहार जल संसाधन विभाग की टीम मजदूरों के साथ गंडक बांध के उस हिस्से में पहुंची जहां नेपाल ने मरम्मत कार्य को रोक दिया था।
हालांकि नेपाल शुरुआती हठ दिखाने के बाद मरम्मत कार्य करने को लेकर मान गया। बता दें कि नेपाल की जिद ज्यादा देर तक नहीं चल पाई और आखिरकार उसे मानना ही पड़ा। दोनों देशों के बीच सहमति के बाद मरम्मत का काम शुरू हुआ। बगहा के एसडीएम ने बताया कि करीब 50 मजदूरों को जाने की इजाजत दी गई है और अधिक की जरूरत होगी तो भेजा जाएगा, इस संबंध में हमलोग बातचीत कर रहे हैं।
दरअसल, दोनों देशों के बीच गंडक नदी पर बने डैम के नेपाल वाले हिस्से में मरम्मत का काम होना है। लेकिन नेपाल ने अपने हिस्से में मरम्मत के काम की इजाजत नहीं दी। कल उसने मरम्मत का काम रोक दिया। इसके बाद बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कहा था कि नेपाल गंडक डैम के मरम्मत की इजाजत नहीं दे रहा है।
Bihar Minister Sanjay Jha had earlier alleged that Nepal is not allowing repair work of Gandak dam that takes place in Lal Bakeya river in no man’s land and that they’ve stopped repair work at several other locations.
The repair work started today after Nepal agreed for it.
— ANI (@ANI) June 23, 2020
संजय झा ने बताया था कि मरम्मत का काम ने मेन्स लैंड में लाल बेकैय नदी के पास होना था। लेकिन नेपाल ने कई स्थानों पर मरम्मत के काम को रोक दिया था। आखिरकार बातचीत के बाद नेपाल ने काम करने की इजाजत दी थी।