नई दिल्ली। बुधवार को बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बोम्मई ने कर्नाटक के 30वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। बसवराज बोम्मई ने भगवान के नाम पर शपथ ली। जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा।
बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। pic.twitter.com/hSDJ5Ey76g
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2021
समाजवादी दर्शन से ताल्लुक रखने वाले और अब भाजपा के सिद्धांतों को मानने वाले बोम्मई की राजनीतिक यात्रा ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते ही एक नया मील का पत्थर साबित कर दिया। 28 जनवरी को बोम्मई ने 60 साल पूरे किए। हालांकि उन्होंने कर्नाटक के 30वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, लेकिन उन्हें 23वें मुख्यमंत्री के रूप में भी माना जाएगा, क्योंकि कई लोगों ने कई बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।
लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं बसवराज बोम्मई
कर्नाटक में येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद से ही बसवराज बोम्मई का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहा था। इसकी सबसे बड़ी वजह ये थी कि वह येदियुरप्पा के करीबी और सबसे चहेते नेता थे। इसलिए येदियुरप्पा सरकार में बसवराज बोम्मई को गृहमंत्री बनाया गया था। साथ ही वह लिंगायत समुदाय से भी आते हैं। बता दें कि भाजपा की सरकार ने राज्य में 2 साल पूरे कर लिए हैं।
येदियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय से थे और यह समुदाय 1990 से ही भाजपा का समर्थक रहा है। कर्नाटक में इस समुदाय की 17% हिस्सेदारी आबादी में है। राज्य की 224 विधानसभा सीटों में से 90 से 100 सीटों पर लिंगायतों का दबदबा है।