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Uttar Pradesh: चुनावी नतीजों पर…4 बीघा खेत की बाजी, BJP या SP, किसके समर्थक की चलेगी बाजी

दरअसल, उत्तर प्रदेश समेत पांच चुनावी सूबों के नतीजों के ऐलान से पहले तो हम और आप क्या बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति भी नहीं बता सकते हैं कि किस राज्य में किसकी सरकार आने जा रही है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक हैं, जिन्हें अच्छे से पता है कि देश के सबसे बड़े चुनावी सूबे में कल किसकी ताजपोशी होनी जा रही है।

नई दिल्ली। यूं तो आपने अपने जीवन काल में न जाने कितनी ही शर्तें लगाईं होंगी। जिसमें से किसी में हार तो किसी में जीत आपको झोली में आई होगी। अगर जीते होंगे तो खुशी से फूले नहीं समाए होंगे और खुदा न खास्ता हार गए होंगे तो गमों के सैलाब में सराबोर हो गए होंगे। खैर, हार जीत शर्त का क्या, बल्कि जिंदगी का ही दस्तूर है, लेकिन अगर हम गलत नहीं तो ये सब पढ़ने के बाद आप यही सोच रहे हैं न कि आखिर आज एकाएक शर्तों पर क्यों तकरीरें पेश की जा रहीं हैं। आखिर माजरा है क्या। जरा खुलकर बताएंगे कुछ। तो चलिए अब आपको सब कुछ खुल्लमखुल्ला बताते हैं कि आखिर माजरा क्या है।

तो ये है पूरा माजरा?  

दरअसल, उत्तर प्रदेश समेत पांच चुनावी सूबों के नतीजों के ऐलान से पहले तो हम और आप क्या बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति भी नहीं बता सकते हैं कि किस राज्य में किसकी सरकार आने जा रही है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक हैं, जिन्हें अच्छे से पता है कि देश के सबसे बड़े चुनावी सूबे में कल किसकी ताजपोशी होनी जा रही है। अपनी जानकारी को लेकर आत्मविश्वास के सैलाब में इस कदर सराबोर हो चुके हैं कि वे शर्त लगाने पर भी आमादा हो चुके हैं। बिल्कुल ऐलानिया अंदाज में तुहरी फूंक कर कह चुके हैं कि अगर बीजेपी जीतेगी तो शेरअली शाह के 4 बीघा खेत पर एक साल तक विजय सिंह का कब्जा रहेगा। और यदि सपा की सरकार बनेगी तो विजय सिंह के 4 बीघा खेत पर एक साल तक शेरअली शाह का कब्जा रहेगा।

CM Yogi and Akhilesh Yadav

तो अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दोनों ही अपनी-अपनी मनपसंद पार्टी के माथे पर जीत का सेहरा पहनाने के लिए किस कदर आतुर हो चुके हैं। इन्हें पूरा विश्वास है कि यूपी में किसकी सरकार बनने जा रही है। खैर, अब इन दोनों में कौन शर्त हारता और जीतता है, यह तो फिलहाल आगामी 10 मार्च यानी की नतीजों के दिन ही स्पष्ट हो पाएगा। लेकिन वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी न कि लिखितम के आगे वक्तम नहीं चलता है। लिहाजा इन दोनों लोगों ने एक पत्र लिखा है, जिसमें दोनों पक्षों के द्वारा लगाए गए शर्तों के संपूर्ण जानकारी शब्दों के रूप में बयां की गई है, ताकि कल को अगर इनके अपेक्षा के अनरूप  परिणाम नहीं आए, तो कोई  अपनी बात से नाट ना सकें, अगर ऐसा होता है, तो उस वक्त यह परिपत्र एक सुबूत के तौर पर रहेगा। बहरहाल, अब सभी की निगाहें आगामी 10 मार्च पर टिकी हुई है, जब उत्तर प्रदेश समेत सभी चुनावी राज्यों के नतीजों का ऐलान किया जाएगा।