नई दिल्ली। कृषि बिलों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है। उनकी मांग है कि इन कानूनों को केंद्र सरकार वापस ले, उसके बाद ही उनका प्रदर्शन खत्म होगा। ऐसे में सरकार की तरफ से भरोसा दिलाया गया है कि किसानों की मांगों के अनुरूप कृषि बिल में संशोधन किए जाएंगे और इसके लिए उन्हें लिखित में आश्वासन भी दिया जाएगा। इन सबके बीच किसान संगठन और सरकार के बीच वार्ता का दौर भी जारी है। वहीं किसान आंदोलनों के नाम पर अपनी राजनीति करने वालों को अब किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेताओं ने भरपूर जवाब देना शुरू कर दिया है। दरअसल नए कृषि नियमों के खिलाफ प्रदर्शन के बीच एक तस्वीर और वीडियो भी वायरल हुई, जिसमें प्रदर्शनकारियों के हाथों में दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद, शरजील इमाम के पोस्टर दिखे। इतना ही नहीं इन पोस्टरों में वो उनकी रिहाई की मांग करते दिखे। वहीं आंदोलन के बीच खालिस्तानी समर्थक भी देखे गए हैं। ऐसे में बीते दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने प्रदर्शनकारियों के हाथों में देशद्रोहियों के पोस्टर देख कड़ी आपत्ति जताई थी। सवाल उठाते हुए उन्होंने पूछा है कि किसान आंदोलन में इस पोस्टर का आखिर क्या काम है?
किसान आंदोलन को हाईजैक होते देख अब किसान संगठनों की तरफ से पलटवार किया जा रहा है। बता दें कि सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है जोकि भारतीय किसान यूनियन(भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और NBT के हिमांशु तिवारी के बीच हुई बातचीत का बताया जा रहा है।
आपको बता दें कि बातचीत में भानु प्रताप सिंह कहते दिखाई दे रहे हैं कि, अब इस समय हम इस आंदोलन को खत्म करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि, कुछ राजनीतिक दल इस आंदोलन को हाईजैक करना चाह रहे हैं। हमारी अपनी जो सोच है उसमें खालिस्तान वालों और पाकिस्तान वालों की कोई जरूरत नहीं है। लोकतांत्रिक तरीके से हो रहे हर प्रदर्शन के हम साथ हैं। चाहे वो किसान देश के किसी भी हिस्से से हो।
बता दें कि इस ऑडियो को भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा है कि, “किसान समूह विरोध खत्म करना चाहता है क्योंकि इसमें असामाजिक तत्वों द्वारा घुसपैठ की गई है।”
सुनिए वायरल हुए इस ऑडियो को..
Farmer group wants to end protest because it has been infiltrated by anti-social elements… pic.twitter.com/3sXc6l1YLv
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 14, 2020
वहीं उत्तर प्रदेश के ADG (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने किसानों के प्रदर्शन के हाईजैक होने पर कहा है कि, “कुछ ऐसे आपराधिक तत्व हैं जो किसान आंदोलन की आड़ में कुछ गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं, ऐसे लोगों पर प्रशासन स्थानीय स्तर पर कार्रवाई कर रहा है।”
वहीं किसानों के प्रदर्शन को लेकर जानकारों का कहना है कि किसानों का धरना-प्रदर्शन अब बहुत लंबा नहीं चलेगा। पिछले 18 दिनों से चल रहा आंदोलन अब समाप्ति की ओर है। क्योंकि सरकार का साथ देते हुए किसानों के एक संगठन ने नए कृषि कानूनों का समर्थन किया है। वहीं किसानों ने नोए़डा-दिल्ली (Delhi-Noida) को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर (Chilla border) पर अपना धरना समाप्त कर दिया है। इसके बाद बंद हुए इस रास्ते को भी शनिवार देर रात फिर से खोल दिया गया।
इसके अलावा शनिवार को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीकेयू (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के साथ वार्ता की। इस वार्ता में भानु प्रताप के तेवर थोड़े नरम दिखाई दिए। इसी का नतीजा रहा कि, चिल्ला बॉर्डर खुल गया है। वहीं भानु प्रताप सिंह ने किसान आंदोलन के हाईजैक होने को लेकर कहा कि, “लोकतांत्रिक तरीके से जो भी आंदोलन करेगा हम उसके साथ हैं। जिसमें हमें गंदगी की बू आएगी हम उसके कतई साथ नहीं हैं। यह मांग किसने रख डाली कि वो रिहा होना चाहिए, यह रिहा होना चाहिए। क्या किसान किसी रिहाई के लिए आएगा। क्या हम किसान सभी डकैत-चोर, आतंकियों को रिहा कराएंगे।”
वहीं किसान आंदोलन में राजनीतिक दलों के सक्रिय होने पर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि, किसानों की इस लड़ाई को जब राजनेता और गुंडे हाइजैक करना चाह रहे हों तो उस लड़ाई को छोड़ देना चाहिए।