नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प में 4 किसानों और 2 भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के बाद सियासी संग्राम छिड़ गया है। हालांकि योगी सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित किसानों को मुआवज़े का ऐलान किया और उच्च स्तर की जांच के आदेश भी दिए लेकिन लखीमपुर खीरी की हिंसा ने उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी से लेकर आप के नेता लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर हो रहे हैं तो दूसरी तरफ इन पार्टियों के शीर्ष नेताओं का प्रदेश में आना बरकरार है। हालांकि राज्य सरकार ने इसे ‘पॉलिटिकल टूरिस्म’ करार देते हुए प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव और संजय सिंह को घटना स्थल जाने की अनुमति नहीं दी है।
लखीमपुर जाने की होड़ में नाकाम भुपेश बघेल
इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। मकसद था लखीमपुरी मसले पर योगी सरकार को घेरना और उसकी ‘संवेशनहीनता’ को जनता के सामने रखना। लेकिन यूपी पुलिस ने बघेल से एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया। पुलिस ने शासन-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें रोका तो वो लखीमपुरी जाने से मुकर गये। लेकिन सूत्रों की मानें तो उनका प्लान था पहले सीतापुर में प्रियंका गांधी से मिलना और फिर लखीमपुर खीरी जाना।
लखनऊ एयरपोर्ट से बाहर जाने से रोका तो ज़मीन पर ही धरना देने बैठ गए छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल.. pic.twitter.com/vEC7KF4uXo
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) October 5, 2021
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने भूपेश बघेल को यूपी चुनावों के एवज़ में बड़ी जिम्मेदारी से नवाज़ा था। पार्टी ने बघेल को उत्तर प्रदेश में सीनियर ऑवजरवर बनाया था, जिसका मतलब प्रदेश में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन की उनपर बड़ी जिम्मेदारी है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार बघेल का यूपी दौरा राजनीति से प्रेरित है। बता दें कि अगले साल के शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और सारी पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं।